रांची राज्य भर के चिकित्सक बिना किसी सूचना के अनाधिकृत रूप से अपने कार्य क्षेत्र से अनुपस्थित रहते हैं। यह समस्या लंबे समय से बरकरार है। विभाग लंबे समय तक इंतजार करने के बाद गायब रहने वाले चिकित्सकों को विभागीय कार्रवाई करने के बाद बर्खास्त करने की कार्रवाई करते थे। अब विभाग ने यह फैसला लिया है कि चिकित्सकों को बर्खास्त करने के अलावा नेशनल मेडिकल कमिशन तथा झारखंड मेडिकल काउंसिल से निबंधन रद्द करने की भी प्रक्रिया की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग में लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले तीन चिकित्सकों को नोटिस भी भेजा है।

झारखंड के इन चिकित्सकों पर कार्रवाई

खूंटी जिला के पी एच सी अड़की के डॉक्टर बाबूलाल मुर्मू 9 सितंबर 2020 से अनुपस्थित है।

साहेबगंज जिला के अनुमंडल अस्पताल राजमहल के चिकित्सक डॉक्टर विकास लाल 2 अगस्त 2018 से अनुपस्थित हैं।

रांची जिला के पीएचसी नामकुम के डॉक्टर सिद्धार्थ 4 जनवरी 2021 से लगातार अनुपस्थित है

विभाग ने इनके विरुद्ध झारखंड सरकारी सेवा नियमावली 2016 तथा नेशनल मेडिकल काउंसिल कंडक्ट एंड एथिक्स रेगुलेशन 2002 के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया के तहत तीनों चिकित्सकों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही यह पूछा गया है कि क्यों न उनके निबंधन रद्द करने की अनुशंसा संबंधित प्राधिकार से की जाए। विभाग ऐसे अन्य चिकित्सकों की भी पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। विभाग ने पिछले माह भी चार चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था अब कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

डॉक्टरों की सिविल सर्जन से रहती है मिलीभगत

चिकित्सक सिविल सर्जन की मिलीभगत से लंबे समय से अनधिकृत रूप से ड्यूटी से गायब रहते हैं। उनकी लगातार अनुपस्थिति की सूचना विभाग को समय पर नहीं दी जाती है। विभाग द्वारा बार-बार जानकारी मांगे जाने के बाद ही चिकित्सकों की अनुपस्थिति की जानकारी दी जाती है। विभाग स्तर पर भी कार्रवाई के मामले लंबित रहते हैं। जिसका फायदा चिकित्सक उठाते हैं। कई बार चिकित्सक नौकरी छोड़ देते हैं और विभाग को सूचना नहीं दी जाती है।

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