स्वास्थ्य विभाग: 1 करोड़ 68 लाख के काम का धड़ल्ले से हो रहा वारा- न्यारा, 2 कमरे के पंचायत भवन पर भी रंगरोगन दिखा कर निकाल रहे 4 लाख
Health Department: Work worth 1 crore 68 lakhs is being done indiscriminately, 4 lakhs are being taken out by painting even a 2 room Panchayat building.

Dhanbad news: एक कहावत पुरानी है.. न खाता न बही, जो बोले वही सही! इन दिनों स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी अस्पतालों में मरीजों को सुविधा पहुंचाने के बजाय 1 करोड़ 68 लाख खपाने में लगे हैं।
एक वक्त था जब मार्च लुट सभी विभागों में प्रसिद्ध था। क्योंकि सरकार किसी भी योजना का पैसा फरवरी मार्च में जारी करती थी और उसे आनन फानन में निकासी कराई जाती थी।समय बदला और सरकार ने मार्च लुट की पद्धति को बंद कर दिया। परन्तु जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग में 1 करोड़ 68 लाख रुपए की आनन फानन में निकासी की प्रक्रिया की जा रही है तो जेहन में मार्च लुट की याद आनी स्वाभाविक है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की अस्पताल भवनों को रंगरोगन और मरम्मती के लिए विभाग ने राशि आवंटित की है। जिले भर में कुल 8 CHC और 28 PHC हैं। एक CHC के लिए 7 लाख और एक PHC के लिए 4 लाख आवंटित किए गए है। परंतु प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से बिना किसी एस्टीमेट (प्राक्कलन) के इस राशि से काम कराया जा रहा है।
2 कमरे वाले PHC पर भी खर्च कर दिए 4 लाख
जिले में कई phc ऐसे हैं जिसका अपना भवन नहीं हैं। कई भाड़े के मकान में तो कई पंचायत भवन में चल रहे है।पंचायत भवन में चलने वाले पीएचसी को मात्र 2 कमरे होते हैं। साथ ही पंचायत भवन पंचायत के अधीन होती है। सरकारी राशि की लूट ऐसी की पंचायत भवन में 2 कमरे में चलने वाले पीएचसी पर रंगरोगन पर 4 लाख का खर्च दिखाया जा रहा है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करा रहे DDO कोड एक्टिव
वर्ष 2019 से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्थापना का निकासी और व्ययन प्रभार हटा कर सिविल सर्जन की दे दिया गया था। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के स्थापना की राशि का लेखा जोखा सिविल सर्जन रखते हैं जबकि NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के पैसे का लेखा जोखा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रखते है। रंगरोगन के मद के पैसे की निकासी सीधे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को करनी है। ऐसे में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राशि की निकासी के लिए पूर्व में आवंटित DDO कोड को एक्टिव कराने में लगे हैं।
करनी है सभी मूलभूत सुविधा से लैस
विभाग का उद्देश्य अस्पताल को चकाचक करने के साथ साथ, फर्नीचर, आवश्यक मूलभूत सुविधा तक की व्यवस्था करना है।परंतु सिर्फ रंगरोगन के नाम पर हीं राशि के वारे न्यारे करने में लगे हैं।