इंजीनियर बनने का था सपना, लेकिन एक घटना से हेमंत सोरेन की बदल की जिंदगी, हार से शुरू हुआ था राजनीति का सफर
He had a dream to become an engineer, but one incident changed the life of Hemant Soren, the journey of politics started with defeat.
Hement Soren Biography In Hindi: हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इसी साल उन्होंने दो बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जन्म ‘नेमरा’ गांव में हुआ। करीब 30 वर्ष की उम्र में हेमंत सोरेन ने 2005 में दुमका विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। करीब 34 वर्ष की उम्र में 2009 में वो पहले राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और फिर उसी वर्ष दुमका विधानसभा सीट के लिए चुने गए।
35 वर्ष की उम्र में पहली बार उप मुख्यमंत्री बने और 38 वर्ष की उम्र में ‘सीएम’ पद की कुर्सी तक पहुंच गए। इस बीच नेमरा से दुमका होते हुए वर्ष 2014 में हेमंत सोरेन ‘बरहेट’ पहुंच गए और पिछले तीन चुनाव से वो बरहेट से ही जीत हासिल कर रहे हैं। हेमंत सोरेन का ‘नेमरा’ से ‘बरहेट’ तक का यह राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 में हजारीबाग जिले वर्तमान में रामगढ़ जिले के छोटे से गांव नेमरा में झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन और रुपी किस्कू सोरेन के घर हुआ था। उस समय देश में आपातकाल लगा था। हेमंत के जन्म के कुछ दिन बाद ही एक मामले में पिता शिबू सोरेन गिरफ्तार कर लिये गये।
अभावग्रस्त था बचपन
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पास खेती के अलावा रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं था। इस वजह से परिवार के साथ घर के बच्चे भी फाकाकशी की जिंदगी व्यतीत करने लगे। अभावग्रस्त ज़िन्दगी के बावजूद माता रुपी किस्कू सभी बच्चों को अच्छी तालीम दिलाने के प्रयास में जुट गई हैं। इससे पहले जल जंगल जमीन की रक्षा और महाजनों के जुल्म और शोषण से आदिवासी को मुक्त कराने के साथ अलग झारखंड राज्य निर्माण के सपनों को साकार करने के लिए बिनोद बिहारी महतो और पिता शिबू सोरेन ने झामुमो का गठन कर लिया था।हजारीबाग के नेमरा गांव से निकल कर गुरुजी शिबू सोरेन अपने घर परिवार की चिंता छोड़ संताल परगना के जंगल और पहाड़ों का भ्रमण करने लगे। शिबू सोरेन शोषण और जुल्म का दंश झेल रहे खास कर संताल समाज को को जगाने के अभियान में निकल पड़े। इस संघर्ष की बदौलत वर्ष 1980 में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन कांग्रेस के पृथ्वी चंद्र किस्कू और उस समय के जनता पार्टी के निवर्तमान सांसद बटेश्वर हेम्ब्रम को हराकर दुमका से पहली बार सांसद चुने गये।
हेमंत सोरेन का था इंजीनियर बनने का सपना
माता पिता की इच्छा थी कि पढ़ने में गहरी रुचि रखने वाले उनके पुत्र हेमंत इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर परिवार का नाम रोशन करें और परिवार को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के सहभागी बने। फलस्वरूप हेमंत ने बीआईटी मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। इस बीच राजनीतिक से प्रेरित कई विभिन्न मामलों में पिता शिबू सोरेन गिरफ्तार किए गए। वहीं बड़े भाई दुर्गा सोरेन भी किडनी आदि बीमारी से पीड़ित रहने लगे। परिवार के बीच इस तरह की समस्याएं उत्पन्न होने से युवा हेमंत विचलित होने लगे।
हार से शुरू हुई थी राजनीति की शुरुआत
2005 में दुमका विधानसभा चुनाव में झामुमो ने पार्टी के कद्दावर नेता स्टीफन मरांडी की जगह हेमंत सोरेन को दुमका से टिकट दिया। लेकिन यहां पर स्टीफन मरांडी ने पार्टी से बगावत कर दी और हेमंत के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे और उन्हें मात दी, लेकिन इसके बाद भी हेमंत सोरेन विचलित नहीं हुए और एक बार फिर से जमीनी स्तर पर काम करने लगे। बाद में धीरे-धीरे शिबू सोरेन शारीरिक रूप से कमजोर होते गए और पार्टी की पूरी बागडोर हेमंत सोरेन के हाथ में आ गई। 2005 में मिली हार के बाद हेमंत ने 2009 में राज्यसभा चुनाव में हाथ आजमाया और उन्हें जीत मिली, लेकिन हेमंत सोरेन ने राज्यसभा का कार्यकाल पूरा नहीं किया. 2009 के दिसंबर में झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए और हेमंत सोरेन ने दुमका से जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया।
2010 में पहली बार डिप्टी सीएम बने हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने 2009 में पहली बार विधानसभा में जीत हासिल की थी, इसके बाद 2010 में वे पहली बार अर्जुन मुंडा की सरकार में झारखंड के उपमुख्यमंत्री बने।
हेमंत ने 2013 में पहली बार झारखंड के सीएम के तौर पर ली शपथ
हेमंत सोरेन ने 2013 में पहली बार सीएम पद की शपथ ली. तब उन्होंने झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन की सरकार चलाई थी। इस सरकार का कार्यकाल 23 दिसंबर 2014 तक था।
2019 में हेमंत सोरेन दूसरी बार बने सीएम
2014 के चुनाव में झामुमो और गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. जबकि बीजेपी और सहयोगी दलों ने इसमें शानदार प्रदर्शन किया और रघुवर दास सीएम बने. लेकिन 2019 के चुनावों में एक बार फिर से हेमंत सोरेन ने वापसी की और सीएम पद की शपथ ली।
2024 में हेमंत सोरेन ने दो बार ली सीएम पद की शपथ
हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम के तौर पर काम कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान ईडी ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. लेकिन गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और चंपाई सोरेन सीएम बने. 2024 में हेमंत सोरेन पांच महीने जेल में रहने के बाद वापस आए और एक बार फिर सीएम पद की शपथ ली. झारखंड सरकार का कार्यकाल जनवरी में खत्म होने वाला था, लेकिन एक महीने पहले ही झारखंड में चुनाव कराए गए और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झामुमो और सहयोगी दलों ने शानदार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया. झारखंड में ऐसा पहली बार हुआ था कि कोई भी सरकार रिपीट हुई हो. इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ लेते हुए एक रिकॉर्ड अपने नाम किया और चौथी बार झारखंड का सीएम बनने वाले पहले शख्स बने।