धनबाद । शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इन दिनों जिस कर्मी ने अस्पताल में आने वाले मरीजों के आंखों के आंसू पोंछे, आज वही कर्मी एक सरकारी आदेश पर आंसू बहा रहे हैं। जिसे आप भी सुनेंगे तो आप भी कहने की विवश होंगे की ये कैसी सरकार ! मामला रोजगार और नौकरी की नहीं बल्कि मानवता से भी जुड़ा हुआ है जिसे देखकर आपको भी रोना आ जायेगा।

ये वही संविदा कर्मी हैं जिन्होंने न जाने कितने वर्षों से बिना किसी अन्य सुविधा और अल्प मानदेय पर कितने मरीजों को सेवा दी, कितनों के घरों में खुशियां लौटाई। पर आज उनकी सेवा से किसी को कोई लेना देना नहीं ,बस एक फरमान सुना दिया गया की 120 अनुबंध कर्मियों की हटाया जाएगा। जिसने भी सुना उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, जिस अस्पताल में उन्होंने अपने जीवन का बहुमूल्य समय दिया आज वही पल भर में बेगाना हो गया। उनका समाज उनको ताना देने लगा। अस्पताल के प्रबंधक और अन्य कर्मचारी उनको तिरछी नजर से देखने लगे। उनके घर पर उनके आश्रित बार बार पूछने लगे कि… अब क्या होगा, उनके मां बाप के उदासी चेहरे से आंख मिला बात करने की हिम्मत उस संविदा कर्मी में नहीं बची की जवाब क्या दे…..

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HPBL की कलम से आज अपने आपको गरीबों की मसीहा मानने वाली लोकतांत्रिक सरकार से सवाल पूछना आवश्यक है की 120 संविदा कर्मियों और आश्रित के साथ आपने कैसा न्याय किया। एक उम्मीद और आशा की किरण के साथ कर्मियों ने अल्प मानदेय में सेवा भाव से काम करना स्वीकार किया। तरह तरह की बीमारी और महामारी का लगातार प्रकोप बढ़ रहा है। उन सब के बीच अल्प मानदेय का दर्द अपने दिल में समेटे और मरीजों को मुस्कान देनेवाले कर्मी को ये कैसा इनाम दिया मुख्यमंत्री जी!

विधायक राज सिन्हा ने की मुलाकात

विधायक राज सिन्हा ने सबसे पहले संविदा पर कार्यरत पारा मेडिकल कर्मियों से मुलाकात की. उनकी समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुना, जिसके बाद विधायक ने अस्पताल अधीक्षक से मुलाकात कर पारा मेडिकल कर्मियों की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए विधायक राज सिन्हा ने बताया कि पारा मेडिकल कर्मियों की छंटनी को रोकने के लिए वह मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ सचिव से मुलाकात करेंगे.

‘स्टाफ की कमी के बावजूद कर्मियों की छंटनी गंभीर विषय

विधायक राज सिन्हा ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में एसएनएमएमसीएच का काफी विकास हुआ है. ऐसे में यहां स्टाफ की कमी है, जिसके लिए अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग को अपनी सूची सौंपी थी. लेकिन जनविरोधी राज्य सरकार कार्यरत पारा मेडिकल कर्मियों की छंटनी कर रही है. शायद आउटसोर्सिंग कंपनी से मुख्यमंत्री की सांठ-गांठ नहीं हो सकी. जिसके परिणाम स्वरूप छंटनी को अंजाम दिया जा रहा है. विधायक ने कहा कि अभी हाल ही में वरीय अधिकारियों के साथ SNMMCH अधीक्षक की बैठक हुई थी, जिसमे कुल मैन पॉवर 1036 होने की सूची बनाकर रिपोर्ट सौंपी गई थी. लेकिन अब उस पर से 120 कर्मियों की छंटनी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार जानबुझकर एसएनएमएमसीएच को बंद करने की साजिश कर रही है.जल्द इसपर संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

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