Grahan 2026: सूर्य और चंद्र ग्रहण का साल, भारत में क्या दिखेगा और क्या हो सकता है?
Grahan 2026: साल में 4 ग्रहण, भारत में सिर्फ 1 दिखाई देगा! जानिए कौन-सी तिथियां ला सकती हैं खतरा और अस्थिरता

Grahan 2026: साल 2026 में चार ग्रहण होंगे—दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का समय शुभ कार्य और पूजा-पाठ के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। इस दौरान लापरवाही से स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार:
पहला सूर्य ग्रहण: 17 फरवरी 2026 को लगेगा। यह कंकण सूर्य ग्रहण है, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा। जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया, मोज़म्बिक, मॉरीशस और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण: 12 अगस्त 2026 को। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन उत्तरी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और आर्कटिक क्षेत्रों में पूर्ण या आंशिक रूप से दिखाई देगा।
Grahan 2026:चंद्र ग्रहण की स्थिति
पहला चंद्र ग्रहण: 3 मार्च 2026 को भारत में दिखाई देगा। खंडग्रास चंद्र ग्रहण के रूप में यह पूरे एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के कई हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में इसका सूतक काल भी लागू होगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण: 28 अगस्त 2026 को। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसे मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में देखा जा सकेगा।
Grahan 2026:प्राकृतिक और सामाजिक चेतावनी
चारों ग्रहणों के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है। इनमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, और वायुयान दुर्घटनाओं की संभावना है। इसके अलावा:
राजनीतिक अस्थिरता और आरोप-प्रत्यारोप बढ़ सकते हैं।
आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन, हड़ताल और उपद्रव की स्थितियां बन सकती हैं।
आर्थिक गतिविधियों में उतार-चढ़ाव और व्यापार में तेजी की संभावना रहेगी।
Grahan 2026:भारत में क्या सावधानियां जरूरी हैं?
भारत में केवल 3 मार्च का चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इस दिन धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सावधानी और सतर्कता बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है।





