किसानों के लिए GOOD NEWS! अब पशुओं को भी मिलेंगी सस्ती जेनरिक दवाएं…

नई दिल्ली। यह निर्णय किसानों और पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे न केवल उनके पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि यह दवाओं की पहुंच को भी बेहतर बनाएगा। 3,880 करोड़ रुपये के इस कार्यक्रम के तहत, अब पशु चिकित्सा दवाएं सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली होंगी, जिससे न सिर्फ इलाज में आसानी होगी, बल्कि पशुपालकों का खर्च भी कम होगा।
इस संशोधन के माध्यम से, पशुपालकों को दवाओं की उपलब्धता में भी सुधार होगा, जिससे वे अपने पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देने में सक्षम होंगे। इससे देश में पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता में भी सुधार हो सकता है।
इस योजना से पशुपालकों को कई तरह के लाभ होंगे, विशेष रूप से बीमारियों की रोकथाम और उपचार में मदद मिलने के साथ-साथ उन्हें सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं भी मिलेंगी। टीकाकरण और उपचार से न सिर्फ पशुओं की सेहत में सुधार होगा, बल्कि इससे कृषि उत्पादकता में भी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि बीमारियों के कारण उत्पादकता में कमी आती है।
खास बाते:
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पशुओं के लिए टीकाकरण: खुरपका-मुंहपका, ब्रुसेलोसिस, लंपी स्किन डिजीज जैसे गंभीर रोगों से निपटने के लिए यह योजना प्रभावी होगी। इससे पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा, और किसान बिना किसी चिंता के पशुपालन कर सकेंगे।
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सस्ती और गुणवत्ता वाली दवाएं: पशुपालकों को जेनेरिक दवाएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
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पारंपरिक ज्ञान का समर्थन: इस योजना के तहत, पशु चिकित्सा दवाओं के पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा दिया जाएगा और उनका दस्तावेजीकरण किया जाएगा, जो भविष्य में शोध और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बनेगा।
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आर्थिक योजना: वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान 3,880 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे पूरे देश में पशुपालन के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया जाएगा।
इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से किसानों और पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी और पशुपालन में नई जान आएगी।झारखंड: जोरदार ब्लास्ट में पांंच लोग घायल, स्टील प्लांट में हुआ बड़ा हादसा…