रांची। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की भी 50 फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कालेजों के लिए निर्धारित शुल्क पर ही एडमिशन होगा। नेशनल मेडिकल कमीशन के आदेश पर अमल होना शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद को पत्र भेजा है। स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल मेडिकल कमीशन के उस आदेश को लागू करने को कहा है, जिसमें निजी मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी मेडिकल कालेजों में लागू शुल्क लेना अनिवार्य है। मेडिकल की आवंटित सीटों पर चार नवंबर तक नामांकन होना है।

पर्षद ने पीजी मेडिकल में नामांकन के लिए भी दूसरी काउंसिलिंग के आधार पर सीटों का आवंटन कर दिया है। पहली काउंसिलिंग से आवंटित सीटों पर नामांकन के बाद रिक्त रह गई सीटों में नामांकन के लिए दूसरी काउंसिलिंग आयोजित की गई थी। झारखंड में अभी प्राइवेट मेडिकल कालेजों की बात करें तो मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज, जमशेदपुर तथा लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कालेज, पलामू में एमबीबीएस में एमबीबीएस की पढ़ाई होती है।

वहीं अवध डेंटल कालेज, वनांचल डेंटल कालेज आदि कालेजों में बीडीएस की पढ़ाई होती है। मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर होनेवाले नामांकन में सरकारी मेडिकल कालेज के लिए निर्धारित शुल्क ही लागू होगा। शेष 50 प्रतिशत सीटों के लिए मेडिकल कालेज अपना शुल्क तय कर सकेंगे। इसी तरह, पीजी में भी 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी शुल्क ही लागू होगा। झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने एमबीबीएस, बीडीएस तथा बीएचएमस में नामांकन के लिए पहली काउंसिलिंग के आधार पर सीटों का आवंटन कर दिया है। आपको बता दें कि सीटों का आवंटन स्टेट मेरिट लिस्ट पर तय किया गया है।

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