सोने के दाम में उछाल : ट्रंप के टैरिफ वॉर और वैश्विक तनाव के बीच निवेशकों की पहली पसंद बना सोना
Rise in gold prices: Gold becomes the first choice of investors amid Trump's tariff war and global tensions

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के चलते एक तरफ जहां दुनियाभर के शेयर बाजारों में तबाही मच गई वहीं पीली धातु यानी सोना दूर-दूरतक अपनी चमक बिखेरता रहा. शुक्रवार को सोने के दाम मेटल ट्रेडिंग में 3,227.52 डॉलर प्रति औंस के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए, जो साल की शुरुआत से 20 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैरिफ को लेकर बढ़ी वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के चलते सोने के दामों में अभी और भी तेजी देखने को मिल सकती है. सोने के दामों में वृद्धि के पीछे एक्सपर्ट्स ने आर्थिक और मनोवैज्ञानिक दोनों कारण बताए हैं…
1. ट्रंप के टैरिफ वॉर के कारण बाजार में उथल-पुथल
ट्रंप के टैरिफ की घोषणाओं के बाद बाजार में आई उथल-पुथल के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ रहे हैं. किसी की अनिश्चितता के समय सोने को हमेशा से सबसे सुरक्षित निवेश माना गया है.
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म किनेसिस मनी के वरिष्ठ मेटल विश्लेषक फ्रैंक वॉटसन ने बताया कि अभी तक कीमती धातुओं को अमेरिकी टैरिफ से छूठ मिली हुई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें मुख्य औद्योगिक उत्पाद के रूप में नहीं देखा जाता है.
ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने का उद्देश्य विनिर्माण को बढ़ावा देना और अमरिकी व्यापार घाटे को कम करना है और उनके ये उद्देश्य सोने पर टैक्स लगाने से पूरे नहीं होंगे.
2. डॉलर का कमजोर होना
ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं के बाद अमेरिकी डॉलर तेजी से कमजोर हुआ है. डॉलर मे आई वैश्विक गिरावट ने निवेशकों के लिए सोने को और अधिक आकर्षक बना दिया है और वह अधिक सोना खरीदने की तरफ बढ़ रहे हैं.
3. ब्याज दरों में कटौती और मंदी की आशंका
लोग इस बात से चिंतित हैं कि व्यापार युद्ध आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है और इसे रोकने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. भले ही टैरिफ से मंदी बढ़ने का जोखिम हो.
4. भू-राजनीतिक संघर्ष
इसके अलावा यूक्रेन-रूस संघर्ष और गाजा-इजरायल में बढ़ते भू-राजनीतिक संघर्ष के चलते भू-राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है, जिसके कारण लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश समझते हुए उसमें निवेश कर रहे हैं.