नयी दिल्ली। सरकार ने ऐसी 100 वेबसाइट को ब्लॉक करने की सिफारिश की जिससे कई तरह की धोखाधड़ी की जा रही थी. इस तरह की वेबसाइट भारतीय नागरिकों को टारगेट कर देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, इसलिए इसको लेकर एक्शन लिया गया. ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें लोगों से कई तरह के फ्रॉड किए गए. इसके बाद मोदी सरकार ने इन वेबसाइट को बैन करने का फैसला लिया. इससे चीन को अरबों का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक इकाई ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (14सी) ने अपनी ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध जोखिम विश्लेषण इकाई’ (एनसीटीएयू) के जरिए पिछले साल संगठित निवेश और कार्य आधारित अंशकालिक नौकरी (टास्क बेस्ड पार्ट टाइम जॉब) के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइट्स की पहचान की थी और उन्हें बंद किए जाने की सिफारिश की थी।

100 वेबसाइट को ब्लॉक करने की हुई थी सिफारिश
कई सरकारी वेबसाइट जो विदेशी अभिनेताओं द्वारा संचालित की जा रही थीं, जिससे डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर और किराए के खातों का उपयोग कर रहे थे. यह भी पता चला कि बड़े पैमाने पर आर्थिक धोखाधड़ी से प्राप्त आय को कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टो मुद्रा, विदेशी एटीएम निकासी और अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों का उपयोग करके भारत से बाहर भेजा गया था. ऐसी जानकारी मिली है कि आर्थिक अपराध से संबंधित कार्य आधारित संगठित अवैध निवेश से जुड़ी इन वेबसाइट का संचालन विदेश में बैठे लोग कर रहे थे और ये डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर और फर्जी खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। बयान में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर आर्थिक धोखाधड़ी से मिली रकम का कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टो करेंसी, विदेशी एटीएम निकासी के जरिये मनी लांड्रिंग की जा रही थी।

बयान में कहा गया है कि नागरिकों को ऐसे ठगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे फोन नंबर और सोशल मीडिया खातों की सूचना तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) को देने की सलाह दी गयी है। इसमें कहा गया है कि 1930 हेल्पलाइन और एनसीआरपी के जरिए कई शिकायतें मिली है और ये अपराध नागरिकों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं और इससे डेटा सुरक्षा की चिंताएं भी जुड़ी हैं।

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