मुर्दों की राख से पिंडदान तक: नागा साधुओं की अजीबोगरीब दुनिया के रहस्य जो आप नहीं जानते
नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया: तपस्या, भस्म और अद्भुत शक्तियां

नागा साधुओं को देखकर अक्सर लोग डर जाते हैं या उनसे दूरी बना लेते हैं, क्योंकि उनकी दुनिया रहस्यमयी और अजीब प्रतीत होती है। लेकिन नागा साधु बनने की प्रक्रिया किसी साधारण साधना से कहीं ज्यादा कठिन है। उनके आशीर्वाद से बड़े से बड़े कर्म कटते हैं और व्यक्ति मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
1. परिवार के जीवित सदस्यों का पिंडदान
नागा साधु बनने से पहले व्यक्ति की जांच-पड़ताल होती है। उसके बाद उसे अपने परिवार का पिंडदान करना पड़ता है। इसका कारण यह है कि साधु बनने के बाद उसका सारा संसार उसका परिवार बन जाता है, इसलिए यह फर्ज पहले ही पूरा कराया जाता है।
2. कामवासना पर नियंत्रण
निवस्त्र रहकर तपस्या करने वाले नागा साधुओं के लिए कामवासना को साधना सबसे बड़ा तप माना जाता है। यह बेहद कठिन प्रक्रिया है, जिसे मास्टर करने में सालों लग जाते हैं।
3. हिमालय में वर्षों की तपस्या
नागा साधु सालों तक भूखे-प्यासे जंगलों और हिमालय में तपस्या करते हैं। जब उनकी कामवासना शांत होती है, तब वे अपनी ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग करते हैं।
4. भूत और भविष्य की दृष्टि
इन साधुओं में वह शक्ति होती है कि वे व्यक्ति का भूत और भविष्य देख सकते हैं। हालांकि, यह क्षमता वे आम लोगों से छुपाते हैं। कई बार वे मदद भी करते हैं, और उनके दर्शन मात्र से जन्मों-जन्मों के पाप कर्म कट जाते हैं।
5. भस्म और रुद्राक्ष
नागा साधुओं की शक्ति का रहस्य उनकी भस्म और रुद्राक्ष में निहित है। भस्म कभी-कभी मुर्दों की राख होती है और रुद्राक्ष असली और शक्तिशाली होते हैं। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर रखने में मदद करते हैं।
नागा साधु कभी किसी को श्राप नहीं दे सकते और न ही किसी से नफरत कर सकते हैं। सालों की तपस्या और साधना ही उन्हें साधु बनाती है। अगर आपको कभी अचानक नागा साधु मिल जाए, तो उनके आशीर्वाद लेना बिलकुल न भूलें।








