सेलेक्शन, ट्रेनिंग, मेडिकल से लेकर ज्वाइनिंग तक सब फर्जी… सेना में भर्ती के नाम पर गजब का फर्जीवाड़ा, वर्दी में घर पहुंची तो हुआ जबरदस्त स्वागत, लेकिन फिर…

From selection, training, medical to joining, everything was fake... Amazing fraud in the name of army recruitment, when she reached home in uniform, she was given a grand welcome, but then...

Fake Army Camp: आर्मी में ज्वाइनिंग कराने के नाम पर ऐसी ठगी हुई, कि सुनकर पुलिसवाले भी दंग रह गये। बकायदा ठगों ने ट्रेनिंग करायी, मेडिकल कराया और ज्वाइनिंग लेटर भी दिया। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले का है। जहां सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर एक स्कूली छात्रा और एनसीसी कैडेट के साथ बड़े पैमाने पर जालसाजी की गई।

 

आरोप है कि छात्रा को फर्जी भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया गया, जिसके बाद घर में जश्न मनाया गया। लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो खुशी का माहौल सदमे में बदल गया। अब पीड़िता ने दो युवकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।महराजगंज जिले के निचलौल थाना क्षेत्र के डोमा गांव का है।

 

यहां की रहने वाली नगमा, जो कृषक इंटर कॉलेज की छात्रा और एनसीसी कैडेट है, बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने का सपना देखती थी। लेकिन इसी सपने को कुछ ठगों ने अपनी ठगी का जरिया बना लिया।

 

पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि अगस्त 2025 में मठलार सलेमपुर में एनसीसी की फायरिंग ट्रेनिंग के दौरान उसकी मुलाकात धीरज नाम के युवक से हुई। धीरज ने खुद को सेना से जुड़ा बताते हुए कहा कि वह “अंदर के लोगों” से मिलाकर सेना में नौकरी लगवा सकता है। उसकी बातों में आकर नगमा ने भरोसा कर लिया।

 

फर्जी ट्रेनिंग और मेडिकल — विश्वास की चालाकी से रची कहानी

ट्रेनिंग खत्म होने के बाद सितंबर में धीरज ने नगमा को गोरखपुर बुलाया। वहां उसने उसे सेना की वर्दी दी और एक खुले मैदान में फर्जी रनिंग कराई, जहां पहले से 10-11 युवक-युवतियां मौजूद थीं। इस नाटक के बाद एक तथाकथित “मेडिकल टेस्ट” कराया गया, जिसमें नगमा को पास बता दिया गया।

 

इसके बाद धीरज और उसके साथी अंगद मिश्रा ने उससे ₹2,70,000 की मांग की। उन्होंने कहा कि पैसे देने पर “पक्का जॉइनिंग लेटर” मिलेगा। इसी क्रम में छात्रा को राजस्थान के पुष्कर ले जाया गया, जहां उसे फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया गया।

 

घर में बजा जश्न, फिर टूटा सपना

फर्जी लेटर लेकर जब नगमा घर लौटी, तो परिवार खुशी से झूम उठा। घर पर देशभक्ति गीतों की धुन बजाई गई, गांव में फूल-मालाएं पहनाकर जुलूस निकाला गया, और पूरा इलाका “बेटी की सफलता” पर गर्व कर रहा था। लेकिन कुछ दिनों बाद जब लेटर की सत्यता की जांच कराई गई, तो हकीकत सामने आई — यह सब फर्जीवाड़ा था।नगमा और उसके परिवार की खुशी एक पल में गहरे सदमे में बदल गई।

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