डुमरी। डुमरी उपचुनाव में मंत्री बेबी देवी ने कांटे के मुकाबले में जीत दर्ज कर ली। इस जीत के साथ ही बेबी देवी ने जगरनाथ महतों की जीत का सिलसिला भी बरकरार रखा है। इस जीत पर बेबी देवी की साख दांव पर लगी थी। क्योंकि इस हार के साथ ही बेबी देवी को मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ जाता। 50 साल की बेबी देवी ने गृहणी से सत्ता के सिंहासन तक पहुंची है। बेबी देवी राज्य सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी हैं। बेबी देवी पहले राजनीति मे एक्टिव नहीं थी, लेकिन उनके पति के गुजर जाने के बाद वे राजनीति में उतरी।

पति जगरनाथ महतो के निधन के बाद उनकी जिम्मेदारी संभालने वाली बेबी देवी का जन्म धनबाद के गोमो के जीतपुर गांव में हुआ था। बेबी देवी का संबंध एक किसान परिवार से है। बेबी देवी डुमरी में काफी सक्रिय दिखी। पति जगरनाथ महतो के निधन के बाद रिक्त पद पर मंत्री बनी। बेबी देवी ने इसी साल तीन जुलाई को राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली थी।जगरनाथ महतो के गुजर जाने के बाद बेबी देवी से पहले सीएम हेमंत सोरेन ही उनके दोनों विभागों को संभाल रहे थे। हालांकि, फिर राज्य सरकार ने उपचुनाव होने से पहले ही बेबी देवी को मंत्री बनाने का फैसला ले लिया था।

बेबी की उम्र लगभग 50 साल है। बेबी अपने दो भाईयों और एक बहन में सबसे छोटी हैं। जिस समय बेबी देवी की शादी स्व. जगरनाथ महतो के साथ हुई, उस दौरान महतो झामुमो के सक्रिय कार्यकर्ता व उभरते नेता थे। शादी होने के बाद ही जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर विधायक बने। हालांकि, बेबी का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। वे घर संभालती थी।

इससे पहले जगरनाथ महतो जब जीवित थे, तभी से बेबी अपने बच्चों को बेहतर परवरिश और शिक्षा देने में लगी हुई थी स्व. जगरनाथ महतो और बेबी शुरू से ही शिक्षा के महत्व समझते थे। बेबी देवी ने अपनी चारों बेटियों (सुनीता, रानी, पूनम, गीता) को उच्च शिक्षा दिलाई। इसके अलावा, बेटा अखिलेश भी वकालत की पढ़ाई कर रहा है। बेबी देवी की इस जीत ने इंडिया गठबंधन को भी बड़ी संजीवनी दी है।

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