हजारीबाग: साढ़े चार साल बाद जेल से निकले पिता को देख विधायक अंबा प्रसाद की आंखें डबडबा गयी। अंबा और उनकी बहन पिता को सामने देखते ही उनसे लिपट गयी। हजारीबाग के बड़कागांव हिंसा मामले में रांची के होटवार जेल में योगेंद्र साव बंद थे। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुजनाथ की खंडपीठ ने योगेंद्र साव की जमानत दी थी।

योगेंद्र साव के जेल से बाहर निकलने की सूचना पर बड़ी संख्या में समर्थक जेल के बाहर जुट गए थे। समर्थकों में भारी उत्साह था। योगेंद्र साव की विधायक बेटी अंबा प्रसाद खुद पिता को लेने के लिए जेल पहुंची थी। भिंड तहसील के उनके बीच योगेंद्र साव का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। वे कारों के काफिले के साथ हजारीबाग निकले। आपको बता दें कि योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी भी अभी जेल में है।

आपको बता दें कि एनटीपीसी की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ चिरूडीह में प्रदर्शन के दौरान हुई गोलीबारी मामले में निचली अदालत ने योगेंद्र साव को दस साल की सजा सुनाई गई है। उक्त आदेश के खिलाफ उनकी ओर से हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी। इसी दौरान उनकी ओर से अदालत से जमानत दिए जाने की गुहार लगाई थी। सूचक ने भी निचली अदालत में गवाही के दौरान कहा है कि योगेंद्र साव घटनास्थल पर नहीं थे। उन्हें षड़यंत्र करने के मामले में सजा दी गई है।

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