झारखंड : पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, मुख्यमंत्री ने ट्वीट के माध्यम से दी जानकारी

Former Chief Minister Shibu Soren passed away, Chief Minister gave information through tweet

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, जननायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक पथप्रदर्शक शिबू सोरेन (उम्र 81 वर्ष) का आज सुबह निधन हो गया, ऐसी जानकारी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक ट्विटर (X) अकाउंट से दी।

पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, मुख्यमंत्री ने ट्वीट के माध्यम से दी जानकारी

हेमंत सोरेन ने लिखा:

“बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता, ‘गुरुजी’ शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे।”
वह अपने पिता को साहित्य में ‘दिशोम गुरु’ (आध्यात्मिक व राजनीतिक मार्गदर्शक) के रूप में भी संबोधित करते थे।

  • जून 2025 के अंतिम सप्ताह में शिबू सोरेन की किडनी संबंधी गंभीर बीमारी के चलते दिल्ली के श्री गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

  • उनके स्वास्थ्य में धीरे‑धीरे गिरावट आने लगी और वे 2 अगस्त 2025 तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर चल रहे थे।

  • शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और लंबे समय तक इसके नेता रहे। उन्होंने 38 वर्षों तक JMM की बागडोर संभाली और तीन बार झारखंड का मुख्यमंत्री भी बने

  • 2025 के अप्रैल में JMM के केंद्रीय अधिवेशन में उन्हें ‘संस्थापक संरक्षक’ (founding patron) का सम्मान मिला, जबकि उनके बेटे हेमंत सोरेन को केंद्रिय अध्यक्ष बनाया गया था

  • स्वास्थ्य संकट के दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने शिबू सोरेन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।

  • आज उनके निधन की पुष्टि के साथ झारखंड सरकार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संवेदना व्यक्त की है।

  • शिबू सोरेन के निधन के पश्चात हेमंत सोरेन को उनके राजनीतिक और पारिवारिक विरासत का उत्तराधिकारी माना जाता है। वह वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री व JMM के केंद्रिय अध्यक्ष हैं

  • शिबू सोरेन की उपलब्धियों में आदिवासी अधिकारों, झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष प्रमुख रहे।

शिबू सोरेन का निधन न केवल एक राजनीतिक शून्यता को दर्शाता है, बल्कि झारखंड के आदिवासी एवं गरीब वर्गों की कुर्बानी, संघर्ष और नेतृत्व की एक लंबी परंपरा का अंत भी है। “दिशोम गुरु” के रूप में उन्हें याद किया जाएगा — उनके जीवन‑कार्य ने झारखंड की राजनीति में गहरा प्रभाव छोड़ा है।

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