कढ़ाही में डूबे पैर…और आटे की चादरों से उठती भाप…मेहमान समाज में हड़कंप…वायरल वीडियो ने खोला ऐसा राज़…जिसे देखकर हर कोई कांप उठा…

पूरे मेहमान समाज में दहशत: वायरल वीडियो ने उड़ाए होश, सोशल मीडिया पर मचा बवाल

New Delhi: सोशल मीडिया पर तरह-तरह के वीडियो वायरल होते रहते हैं, लेकिन इस बार जो फुटेज सामने आई है उसने पूरे मेहमान समाज की रूह तक हिला दी है। वीडियो देखकर लोग कहना शुरू कर चुके हैं—“अगर यही हाल है, तो अब बड़े आयोजनों में खाना खाने से भी डर लगेगा!”

इस वीडियो ने साफ-सफाई, खाद्य सुरक्षा और बड़े आयोजनों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर भयंकर विवाद खड़ा कर दिया है।

वीडियो में क्या दिखा?—दृश्य जिसने सबको हिला दिया

वायरल वीडियो में एक विशाल लोहे की कढ़ाही रखी है जिसमें पूड़ी का आटा गूंथा जा रहा है। लेकिन गूंथने का तरीका इतना डरावना और असहनीय है कि देखने वालों के रोंगटे खड़े हो जाएं।

  • एक व्यक्ति कुर्सी पर आराम से बैठा है

  • उसके दोनों पैर आटे में गहरे धंसे हुए

  • उन्हीं पैरों से वह आटे को मसल-मसलकर गूंथ रहा है

  • साथ में खड़ा दूसरा व्यक्ति भी आटे में पैर डालकर “मेहनत” कर रहा है

दोनों मिलकर हज़ारों लोगों के लिए पूड़ी बनाने वाला आटा तैयार कर रहे हैं—लेकिन वह भी पैरों से!

भारी मात्रा में आटा—और डरावना तरीका

सच है कि इतनी भारी मात्रा में आटा हाथों से गूंथना बेहद कठिन होता है। वीडियो में मजदूरों के चेहरों पर काम का भारी दबाव साफ दिखता है। लेकिन आटे में पैर डालकर उसे तैयार करने का तरीका देखकर इंटरनेट पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।

वीडियो के एक और हिस्से ने लोगों को और हैरान कर दिया—एक मजदूर बड़ी मेज पर फैली आटे की मोटी “चादर” उठाकर कढ़ाही में डालता है। जैसे ही वह उबलते तेल में पड़ती है, बड़े गुब्बारे जैसी फूलने लगती है।

पूरा दृश्य किसी विशाल मंदिर आयोजन, मेले, सामूहिक भोज या बड़े प्रसाद वितरण जैसा प्रतीत हो रहा है।

यूजर्स के रिएक्शन—दो हिस्सों में बंटा इंटरनेट

वायरल वीडियो के सामने आते ही सोशल मीडिया पर जमकर बहस छिड़ गई।

एक पक्ष का तर्क:

  • मजदूरों पर भारी दबाव होता है

  • इतने बड़े पैमाने पर भोजन तैयार करना बहुत कठिन

  • “प्रैक्टिकल समाधान ना होने पर लोग मजबूर होते हैं”

दूसरा पक्ष—जिसने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया:

  • “अब बाहर पूड़ी खाने से पहले 10 बार सोचेंगे!”

  • “यह हाइजीन है या मज़ाक?”

  • “इतने बड़े आयोजनों का असली सच सामने आ गया।”

  • कई लोगों ने खाद्य विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग कर दी।

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