फेसबुक यूज़र्स हो जाएं सावधान! 1.2 अरब लोगों का निजी डेटा हुआ लीक – खतरे में मोबाइल नंबर से लेकर जन्मतिथि तक

नई दिल्ली | 31 मई 2025: अगर आप फेसबुक यूज़र हैं तो यह खबर आपके लिए अलर्ट की तरह है। दुनियाभर के करीब 1.2 अरब फेसबुक अकाउंट्स का पर्सनल डेटा लीक हो गया है, जिसमें यूज़र्स के नाम, मोबाइल नंबर, पता, जन्मतिथि, शहर और देश की जानकारी शामिल है।

 डार्क वेब पर बिक रहा है डेटा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डेटा डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। एक अज्ञात साइबर हैकर, जिसने खुद को “ByteBreaker” बताया है, ने दावा किया है कि उसने फेसबुक के एक फीचर में खामी का फायदा उठाकर यह जानकारी जुटाई है।

क्या है Web Scraping?

इस प्रक्रिया को “वेब स्क्रैपिंग” कहा जाता है, जिसमें बॉट्स के ज़रिए वेबसाइट्स से जानकारी ऑटोमेटिकली निकाली जाती है। यह एक तरह से मशीनों द्वारा किया गया “कॉपी-पेस्ट” है, जिसे साइबर अपराधी बड़े स्तर पर इस्तेमाल करते हैं।

Meta की सफाई

फेसबुक की पेरेंट कंपनी Meta का कहना है कि यह कोई नया लीक नहीं है, बल्कि 2021 में लीक हुए डेटा को ही दोबारा सामने लाया जा रहा है। उस समय करीब 50 करोड़ यूज़र्स प्रभावित हुए थे। हालांकि, ByteBreaker के नए दावे और आंकड़ों को देखकर साइबर विशेषज्ञ इस खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं।

भारत में बड़ा खतरा

भारत जैसे देशों में, जहां फेसबुक यूज़र्स की संख्या करोड़ों में है, वहां यह डेटा लीक बड़ी साइबर सुरक्षा चुनौती बन सकता है। इससे आइडेंटिटी थेफ्ट, बैंकिंग फ्रॉड और सोशल इंजीनियरिंग अटैक्स का जोखिम बढ़ जाता है।

यूज़र्स को क्या करना चाहिए? (जरूरी सावधानियाँ)

✅ फेसबुक पासवर्ड तुरंत बदलें
✅ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें
✅ बैंकिंग से जुड़े पासवर्ड्स/UPI PIN बदलें
✅ फ्रॉड अलर्ट और SMS नोटिफिकेशन ऑन करें
✅ अज्ञात लिंक व मैसेज पर क्लिक न करें
✅ साइबर सिक्योरिटी ऐप/एंटीवायरस इंस्टॉल करें
✅ फेसबुक से लॉगिन की गई ऐप्स की परमिशन रीव्यू करें और अननेसेसरी एक्सेस हटाएं

क्यों है यह लीक इतना खतरनाक?

अगर ByteBreaker का दावा सच है, तो यह अब तक का सबसे बड़ा सोशल मीडिया डेटा लीक साबित हो सकता है। इससे न केवल यूज़र्स की निजता बल्कि फेसबुक की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं।

एक्सपर्ट्स की राय

साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है:

“आज के समय में डेटा ही नया तेल है। आपकी एक छोटी सी जानकारी से साइबर अपराधी आपके पूरे डिजिटल जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।”

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