रांची। राज्यपाल के लौटते ही झारखंड की राजनीति एक बार फिर गरम हो गयी। अटकलों और सस्पेंस के बीच हर किसी की नजर अब राजभवन पर टिकी है। अटकलें लग रही है कि  राज्यपाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद करने के मामले में निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर अब कभी भी निर्णय ले सकते हैं। हालांकि इसे लेकर ना तो कोई संकेत राजभवन से मिले हैं और ना गतिविधियां इस ओर कुछ इशारा कर रही है।

इससे पहले रांची में मीडियाकर्मी राज्यपाल के लौटने के बाद चुप्पी टूटने की उम्मीदें बांधे एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन राज्यपाल बिना किसी बातचीत के सीधे राजभवन निकल गये। दिल्ली में करीब एक सप्ताह गुजारने के बाद लौटे राज्यपाल की क्या दिल्ली में किसी से मुलाकात हुई है या नहीं?  इस बारे में भी कुछ जानकारी नहीं  हुई है।

हालांकि बार-बार राजभवन से खबर यही मिलती रही कि राज्यपाल का दौरा निजी था वो इलाज के सिलसिले में दिल्ली में थे, लिहाजा राजभवन की तरफ से मुलाकात के संदर्भ कोई कुछ बताने को तैयार नहींहै। इससे पहले यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने एक सितंबर को ही राज्यपाल से मिलकर आफिस आफ प्राफिट मामले में निर्वाचन आयोग की अनुशंसा का खुलासा करने तथा उसपर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया था।

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