महिलाओं का सशक्तिकरण: दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में झारखंड में ग्रामीण विकास की नई कहानी”
Empowering Women: A New Story of Rural Development in Jharkhand Under the Leadership of Deepika Pandey Singh

मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में झारखंड महिला सशक्तिकरण की अद्भुत कहानी लिख रहा है. ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक उन्नति और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है.
ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में झारखंड में ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी के मातहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करके उनको आत्मनिर्भर, स्वाबलंबी और जीविकोन्मुखी बनाने की दिशा में सराहनीय काम हुआ है.
झारखंड में 3,05,841 सखी मंडलों का हुआ गठन
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2025-26 में 13,408 सखी मंडलों गठन हुआ है. कुल मिलाकर झारखंड में अब तक 3 लाख 5 हजार 841 सखी मंडलों का गठन किया जा चुका है. इसी वित्तीय वर्ष में 1 लाख 63 हजार परिवारों को सखी मंडल से जोड़ा गया है. सखी मंडलों में अब तक कुल 33.40 लाख परिवारों को जोड़़ा जा चुका है.
गौरतलब है कि सखी मंडलों का गठन करके सरकार उनको लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योग के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है. इसके तहत सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं कृषि, पशुपालन, विनिर्माण जैसी आर्थिक गतिविधियों के जरिये आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनने का प्रयास करती हैं. सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं अगरबत्ती, साबुन, हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग के जरिये विनिर्माण गतिविधियों में लगी है.
जेएसएलपीएस के तहत ही राजधानी रांची के नगड़ी अंचल एक गांव में ओलेवेरा उत्पादन की वजह से इसे ओलेवेरा विलेज का नाम दिया गया है.
सखी मंडलों को मिला 2.36 लाख रुपये का लोन
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2025-26 में सखी मंडलों को 1 लाख 30 हजार 95 रुपये चक्रीय निधि और 18,732 लाख रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया गया है. कुल आंकड़ा देखें तो सखी मंडलों को अब तक कुल 46,909.35 लाख रुपये चक्रिय निधि और 2,37,978.36 लाख रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया गया है.
सखी मंडलों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,541.37 करोड़ रुपये बैंकों से क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया गया जिससे अब तक कुल 16,946.93 करोड़ रुपये बैंक क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया गया है.
ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया
योजना के अंतर्गत ही वित्तीय वर्ष 2025-26 में पीएम सुरक्षा बीमा योजना से 29.50 लाख एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से 24.62 लाख सखी मंडलों के सदस्यों को जोड़ा जा चुका है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत 2,555 ग्रामीण युवाओं को विभिन्न कौशलों से प्रशिक्षित किया गया है, जिससे अब तक कुल 84,216 गरीब ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए विभिन्न कौशलों पर प्रशिक्षित किया जा चुका है.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में आजीविका सशक्तिकरण हुनर अभियान के जरिए राज्य के 2.47 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया है जिससे अब तक कुल 31.12 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा जा चुका है. कृषि आधारित आजीविका, पशुपालन, वनोपज, अंडा उत्पादन और जैविक खेती से ग्रामीण परिवारों को आच्छादित किया जा रहा है.
झारखंड में 622 कस्टम हायरिंग की शुरुआत की गई
वित्तीय वर्ष 2025-26 में सखी मंडलों के जरिए कृषि यंत्रों की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 54 कस्टम हायरिंग सेंटर्स की शुरुआत की गई है जिससे अब तक कुल 622 कस्टम हायरिंग केंदों की शुरुआत की गई है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य संपोषित झारखंड सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना के तहत 519 माइक्रो-डिप सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है जिससे अब तक कुल 28,498 माइक्रो-ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित की जा चुकी है.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के तहत 4,148 महिलाएं जो ग्रामीण हाट बाजारों में हंड़िया और दारू बेचने पर मजबूर थी उनको विभिन्न रोजगार जैसे किराना दुकान, खेती तथा अन्य छोटे व्यवसाय से जोड़ा गया है. अब तक 48,071 महिलाओं को विभिन्न रोजगारों से जोड़ा गया है.
झारखंड में अब तक 67 हजार सूक्ष्म उद्योग का विकास
वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब 20 हजार से सूक्ष्म उद्यम विकसित किए गए जिससे अब तक कुल 67 हजार सूक्ष्म उद्यम विकसित किए जा चुके हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 में सभी स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित कार्य 6 नए प्रखंडों के साथ कुल अब तक 264 प्रखंडों में स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता संबंधित कार्य शुरू किए जा चुके हैं.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में लिंग समानता संबंधित कार्य 48 हजार नए समूहों में शुरू किया गया जिससे अब तक कुल 1.80 लाख समूहों को लिंग समानता आधारित प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
पंचायती राज विभाग में भी उल्लेखनीय काम हुआ
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में पंचायती राज विभाग में भी उल्लेखनीय काम हुआ है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 14.27 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई जिनमें से 10.23 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इस राशि से पिछले 6 महीने में विभिन्न भवनों और परिसंपत्तियों का निर्माण, मरम्मति और नवीनीकरण किया गया. रांची में 2 और गोड्डा जिले में 1 पंचायत भवन के निर्माण की स्वीकृति देते हुए प्रति पंचायत 50 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई.
पंचायत भवनों का निर्माण पूरा करने के लिए लोहरदगा, खूंटी, गुमला, गिरिडीह, पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा जिले को कुल 12.77 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई.
पंचायत सचिवालयों का आधुनिकीकरण किया गया
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 7 करोड़ रुपये विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों और कार्यक्रमों के लिए आवंटित किया गया जिनमें से अब तक 28 लाख रुपये खर्च हुए हैं. प्रमंडलीय प्रशिक्षण संस्थान पलामू को आवंटित राशि से नवनियुक्त पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें 25 लाख रुपये का खर्चा आया. पेसा कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न समुदाय के प्रतिनिधियों, विभागीय मंत्रिमंडल, वकील और सामाजिक आदिवासी कार्यकर्ता, पारंपरिक अगुआ सहित अन्य लोग शामिल हुए. अफीम की खेती के खिलाफ जागरूकता कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है.
विभिन्न विभागों के कार्यालयों और संस्थानों के सुदृढ़िकरण और मरम्मति के लिए साढ़े 7 करोड़ रुपये आवंटित किए गये. परामर्शी शुल्क मद में 0.11 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया. डीपीआरसी और बीपीआरसी भवन और कार्यालय के सुदृढ़िकरण के लिए विभिन्न इक्वीपमेंट और कंप्यूटर की खरीद की गई.
अब तक 4,345 ग्राम पंचायतों में से 4,355 वीएलई स्थापित कर लिया गया जिसके लिए 50 करोड़ की राशि आवंटित की गयी थी और अब तक 22.64 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
पंचायत ज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए करोड़ों खर्च
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2500 ज्ञान केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया था जिनमें से अब तक 2,490 ज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है. 4 लाख 20 हजार रुपये प्रति केंद्र के हिसाब से 2500 केंद्र के लिए डीपीआरओ के माध्यम से ग्राम पंचायत के खाते में राशि उपलब्ध कराई गई थी. वित्तीय वर्ष 2025-26 में पंचायत ज्ञान केंद्र के लिए कुल 45 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है.
पंचायत सचिवालयों को जीवंत और पूरी तरह से क्रियाशील बनाने के लिए पंचायत सचिवालय सुदृढ़िकरण योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 में शुरू हुई थी. इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को 15000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं. इस पैसे से पंचायत सचिवालय भवन में साफ-सफाई, सुरक्षा, हेल्प डेस्क, कार्यालय संचालन, इंटरनेट और बिजली की व्यवस्था जैसे काम किए जाने हैं. ट
इस योजना का कुल बजट 80 करोड़ रुपये हैं जिनमें से 78.21 करोड़ रुपये पंचायतों को आवंटित किया जा चुका है. पंचायतों ने बीते 6 महीने में कुल 46.91 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
ग्रामीण विकास की नई इबारत लिख रहीं मंत्री दीपिका
राज्य सरकार द्वारा पंचायत जनप्रतिनिधियों मसलन, वार्ड सदस्य, उपमुखिया, पंचायत समिति, मुखिया, उपप्रमुख, प्रमुख जिला परिषद सदस्य, जिला परिषद उपाध्यक्ष, जिला परिषद अध्यक्ष को मासिक मानदेय दिया जाता है.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में मानदेय भुगतान के लिए 64 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित था जिनमें से अब तक 31.92 करोड़ रुपये का भुगतान पंचायतों को किया जा चुका है. पंचायतों को यात्रा भत्ता के रूप में 5 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव है. राज्य में कुल 68,622 पंचायत जनप्रतिनिधियों को मानदेय का भुगतान किया जा रहा है.
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण विकास की दिशा में उल्लेखनीय काम हो रहा है. गांवों में महिलायें आर्थिक रूप से संपन्न हो रही है. ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. पंचायत सचिवालयों में सुचारू रूप से कामकाज का संचालन किया जा रहा है.









