रांची: एक बार भी झारखंड की सियासत गरम हो गयी है। ED के समन के बाद एक बार फिर चर्चा गरमा गयी है कि क्या हेमंत सोरेन भी क्या जेल जायेंगे? ED का ये इतिहास रहा है कि जब भी ED किसी को पूछताछ के लिए बुलाती है, तो पूरे साक्ष्य के साथ बुलाती है और फिर पूछताछ के बाद अधिकांश मामलों में उनकी गिरफ्तारी हो जाती है। अब ये मामला हेमंत सोरेन का है, लिहाजा आशंका यही है कि क्या हेमंत सोरेन भी गहरे संकट में घिर गये हैं। मुख्यमंत्री ने अपने सारे कार्यक्रम रद कर आज बुधवार को सभी विधायकों की बैठक बुलाई है।

यह बैठक शाम में मुख्यमंत्री आवास में होगी। इसमें कांग्रेस, झामुमो और राजद के विधायक मौजूद रहेंगे। सभी पार्टियों ने अपने अपने विधायकों को तत्काल पार्टी मुख्यालय में पहुंचने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक उधर, खबर आ रही कि झामुमो ने भी अपने सभी विधायकों को तुरंत रांची पहुंचने का निर्देश दिया है।

ऐसा ही सियासी उठापटक उस वक्त भी देखने को मिला था, जब मुख्यमंत्री के खिलाफ आयोग्यता को लेकर आयोग पर अटकलें तेज हो गयी थी, हालांकि इस मामले में अभी तक पटाक्षेप नहीं हुआ है, अब हेमंत नयी मुसीबत में फंस गये हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के द्वारा तलब किए जाने के बाद सत्ताधारी गठबंधन भले ही सब कुछ अच्छा अच्छा कहे, लेकिन अंदर ही अंदर संकट की संभावना दिखने लगी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री आवास में बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। सभी विधायकों को स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ खड़े रहने का निर्देश दिया गया है। इसके पूर्व भी जब जब सरकार पर संकट आई है कांग्रेस ने झामुमो का पूरा साथ दिया है।

हेमंत सोरेन से पूछताछ के दौरान एकता प्रदर्शित करने के लिए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रांची में पहुंचने का निर्देश दिया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम अभी साहिबगंज में अपने विधानसभा क्षेत्र में हैं और वो भी रांची पहुंचने वाले हैं। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर की ओर से सभी विधायकों को रांची में जुड़ने के लिए कहा गया है।

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