देश के मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होने वाला है. उन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी. अब इस तारीख से ठीक पहले देश के सांसदों और राज्यों के विधायकों को अपना 15 वां राष्ट्रपति चुनना है. बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए कौन सा नया चेहरा पेश करता है, ये तो अगले कुछ दिनों में सबके सामने होगा. लेकिन इस चुनाव के लिए विपक्षी खेमे में काफी खिचड़ी पक रही है.

हालांकि, इस दौड़ में फ़िलहाल चार नाम सामने आ रहे हैं जिनमें से तीन महिलाएं हैं. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके, तमिलनाडु की राज्यापल तमिलिसाई सुंदरराजन और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के नाम पर कयास लगाए जा रहे हैं. चौथा नाम झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का भी लिया जा रहा है. हालांकि अगर इनमें से कोई भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनता है, तो पिछले आठ साल में ऐसा पहली बार होगा जबकि मीडिया में लगाई जा रही अटकलें सही साबित होंगी. लेकिन इसकी गुंजाइश बहुत कम है।

दरअसल देश के प्रथम नागरिक को चुनने के लिए होने जा रहे चुनाव के जरिए बीजेपी 2024 के लोक सभा चुनाव और आगामी विधान सभा चुनावों के समीकरणों को भी ध्यान में रख रही है. इस तरह बीजेपी एक तीर से कई अचूक निशाने लगाने की जुगत भिड़ा रही है. बताते चलें कि लोक सभा की 543 सीटों में से 47 एसटी कैटेगिरी के लिए आरक्षित हैं. 62 लोक सभा सीटों पर सीधे-सीधे आदिवासी समुदाय प्रभावी है. इसी तरह मध्य प्रदेश (MP), छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) और गुजरात (Gujarat) में भी आदिवासी वोटर निर्णायक स्थिति में है.

आज होगा चुनाव की तारीख का एलान

चुनाव आयोग की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव की तारीख को लेकर आज दोपहर 3 बजे घोषणा की जाएगी।

कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव?

इन चुनावों में देश की जनता प्रत्यक्ष रूप से मतदान नहीं करती. जनता के द्वारा चुने गए सांसद और विधायक मतदान इन चुनावों में भाग लेते हैं. इन चुनावों में राज्यसभा सासंद, लोकसभा सांसद और विधायकों को वोट देने का अधिकार होता है. हालांकि, विधान पार्षदों और नामित व्यक्तियों को वोट करने का अधिकार नहीं होता.राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते वक्त विधाय और सांसद अपने बैलेट पेपर पहले ही बता देते हैं. इसमें वो अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद का जिक्र करते हैं. इसके बाद पहली पसंद के वोट गिने जाते हैं. अगर पहली पसंद का उम्मीदवार जीत के लिए जरूरी वेटेज हासिल कर लेता है तो उसकी जीत हो जाती है वहीं अगर ऐसा नहीं होता तो दूसरी और फिर तीसरी पसंद का वोट गिना जाता है.

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