धनबाद: झारखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव जय होरो ने कहा कि झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव ने कक्षा 1- 12 तक के लिए आदर्श दिनचर्या सभी कोटि के शिक्षक संघों के सहमति के बिना जारी किया है जो व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है। इसमें सुधार की नितांत आवश्यकता है। कक्षा एक से बारहवीं के लिए जारी दिनचर्या में विद्यार्थियों के लिए जो समय सारिणी में व्यवहारिक पक्ष की अनदेखी की गई है। प्रार्थना सभा के लिए जो दिशा निर्देश वर्तमान में दी गयी है। विद्यालय पूर्व से ही उन सभी तत्वों का प्रार्थना सभा में विगत कई वर्षों से प्रयोग करता आ रहा है।उसमें नयापन कुछ भी नहीं है।

क्या है शिकायत

जारी दिनचर्या से शिक्षकों के मनोबल को गिराने का प्रयास है।इससे ऐसा प्रतीत होता है कि विद्यालय में ये पहली बार प्रारम्भ किया जा रहा हो। कई विद्यालयों में विषय के अनुरूप शिक्षक नहीं है। विभाग का इस ओर ध्यान ही नहीं है। विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति करने की आवश्यकता है। श्री होरो ने कहा कि विद्यालय की अवधि छः घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। विशेषकर गर्मी के मौसम में छात्र-छात्राओं को 2 बजे तक विद्यालय में रोके रखना किसी भी परिस्थिति में व्यवहारिक नहीं है।इसमें संशोधन करने की आवश्यकता है।

शिक्षा सचिव द्वारा जारी आदेश

संशोधन के लिए बनाई रणनीति

बेहतर होगा पूर्व में जारी गाइडलाइन के अनुसार अप्रेल से जून में समय प्रातः 6:30 से 11:30 तक ही हो। इस पक्ष को भी गंभीरता से देखने की आवश्यकता है। जल्द ही झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ एवं झारखंड ऑफिसर टीचर एंड एम्प्लोयी फेडरेशन के प्रान्तीय प्रतिनिधि शिक्षा सचिव एवं प्रभारी शिक्षा मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात कर सचिव द्वारा जारी विद्यालय दिनचर्या पर आवश्यक संशोधन की माँग करेंगे।

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