झारखंड में अवैध बालू कारोबार का भंडाफोड़…ईडी ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के ठिकानों पर की छापेमारी

Illegal sand business busted in Jharkhand...ED raids the premises of former minister Yogendra Sao and Congress MLA Amba Prasad

बड़कागांव की पूर्व कांग्रेसस विधायक अंबा प्रसाद के पिता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव अवैध बालू के कारोबार में लिप्त हैं. ईडी ने यह खुलासा किया है.

एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार को जिस समय ईडी ने अंबा प्रसाद, योगेंद्र प्रसाद साव और अंकित साहू के ठिकानों पर छापेमारी की थी तभी योगेंद्र साव के मोबाइल फोन पर कई मैसेज आ रहे थे. इस मैसेज में अवैध बालू लदे ट्रक और ट्रैक्टरों का नंबर था. ईडी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि इनमें से कई मैसेज तो स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों ने ही भेजा था.

छापेमारी के दरम्यान ईडी को जो मोबाइल फोन मिला है उसमें स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों द्वारा ही अवैध बालू लदे वाहनों का नंबर भेजा गया था. इन मैसेजेज के आधार पर ईडी की टीम साइट पर पहुंचीी तो अवैध बालू कारोबार का सत्यापन भी हो गया.

अधिकारियों ने अवैध बालू लदे वाहनों के चालकों से पूछताछ करके भी इस बात की पुष्टि की कि योगेंद्र प्रसाद साव के संरक्षण में अवैध बालू का कारोबार संचालित है.

ईडी ने इस केस में योगेंद्र साव सहित तमाम संदिग्धों का मोबाइल फोन जब्त किया है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक सभी संदिग्धों को बारी-बारी से समन जारी करके ईडी कार्यालय तलब किया जायेगा. मोबाइल में मिले डाटा को आरोपियों की मौजूदगी में ही खंगाला जायेगा और इसकी क्लोनिंग भी की जायेगी.

ईडी का कहना है कि मोबाइल का डाटा एकबार रिकवर हो गया तो इस विषय पर नये खुलासे हो सकते हैं.

बीते शुक्रवार को ईडी ने की थी छापेमारी
ईडी ने शुक्रवार को योगेंद्र प्रसाद साव के करीबी मनोज दांगी और पंचम कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. ईडी को जानकारी मिली थी कि मनोज और पंचम को आगे रखकर ही योगेंद्र साव बालू का कारोबार करते हैं.

मनोज और पंचम ने भी शुरुआती जांच में एजेंसी के सामने योगेंद्र साव के लिए काम करने की बात मान ली है. इस केस में यह दोनों लोग अहम कड़ी साबित होंगे.

2023 में ईडी ने दर्ज किया था मनी लॉन्ड्रिंग केस
गौरतलब है कि ईडी ने योगेंद्र साव एंड फैमिली के खिलाफ 2023 में ही मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. मार्च 2024 में पहली बार योगेंद्र साव और उनके परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त करीबियों और सरकारी पदाधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी.

तब ईडी को जानकारी मिली थी कि योगेंद्र साव का परिवार अवैध बालू कारोबार में लिप्त है. अवैध बालू कारोबार से कमाए गये पैसों को रियल एस्टेट में निवेश किया जा रहा था.

ईडी इस एंगल से भी मामले की जांच में जुटी है. साव फैमिली के नाम निंबधित कंपनियां, शेल कंपनियां सहित अन्य तथ्यों पर जांच जारी है. परिवार के सीए बादल गोयल के ठिकानों से मिले दस्तावेज भी जांच में अहम कड़ी साबित होंगे.

साव परिवार की तीन पीढ़ियां सियासत में आई
गौरतलब है कि साव परिवार की तीन पीढ़ियां सियासत में आई. 2009 में योगेंद्र प्रसाद साव बड़कागांव के विधायक बने. 2014 में उनकी पत्नी निर्मला देवी बड़कागांव विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुईं. 2019 में इनकी बेटी अंबा प्रसाद विधायकी का चुनाव जीतीं.

अंबा प्रसाद तो महज 27 साल की उम्र में ही विधायक बनकर रिकॉर्ड कायम कर गयीं. हालांकि, इसी बीच यह परिवार काफी विवादों में रहा. निर्मला देवी पर गोलीकांड का केस हुआ. एक समय साव दंपति जेल में भी था.

अब अवैध बालू और जमीन कारोबार को लेकर साव फैमिली घिरती नजर आ रही है. इस केस में नये खुलासों का दावा किया जा रहा है. देखना यही है कि क्या जानकारी सामने आती है.

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