झारखंड: राज्यकर्मियों के स्वास्थ्य बीमा पर मंडराया ग्रहण, स्वास्थ्य प्रतिपूर्ति सुविधा भी बंद, हेल्थ कार्ड भी नहीं बना

Jharkhand: Eclipse looms over health insurance of state employees, health reimbursement facility also closed, health card also not made

Health Bima: झारखंड सरकार ने अपने 1.62 लाख कर्मचारियों के लिए 1 मार्च से एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर दी है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और उनके परिजनों को 5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ ही, अगर जरूरत पड़ी, तो राज्य आरोग्य सोसाइटी के माध्यम से असीमित इलाज की सुविधा भी दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है।

 

मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा बंद

 

स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने के बाद राज्य सरकार ने पहले से चल रही मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्सा प्रतिपूर्ति) की सुविधा को बंद कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, अब किसी भी चिकित्सा भुगतान पर रोक लगा दी गई है और इलाज के लिए मेडिकल एडवांस की सुविधा भी समाप्त कर दी गई है।

 

पंजीकरण में देरी, 1.60 लाख कर्मचारी असमंजस में

 

हालाँकि यह योजना कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन योजना लागू होने के 15 दिन बाद भी केवल 2000 कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड ही बन पाया है। इस स्थिति में, लगभग 1.60 लाख कर्मचारी असमंजस में हैं कि आखिर उनका इलाज कैसे होगा। इसके अलावा, कर्मचारियों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि बीमा योजना के तहत जिन अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है, उनमें प्रमुख अस्पतालों जैसे मेदांता, मेडिका, और क्यूरेस्टा शामिल नहीं हैं। पहले जब अस्पतालों में इलाज होता था, तो मेडिकल बोर्ड के माध्यम से बिलों की प्रतिपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब यह व्यवस्था नहीं है। इस कारण कई कर्मचारी अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं।

 

स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन

 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस मामले में कहा, “झारखंड सरकार ने अपने कर्मचारियों को सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई है। वे दुनिया के किसी भी कोने में इलाज करा सकते हैं। शुरुआत में कुछ परेशानियाँ हो सकती हैं, जिन्हें हम जल्द ही दूर कर देंगे। जिनका हेल्थ कार्ड अभी नहीं बना है, उनके लिए हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं और हेल्थ कार्ड बनाने का काम पूरा करेंगे।”

 

 

बीमा कंपनी से करार, पेंशनरों को मिलेगा लाभ मई से

 

झारखंड सरकार ने इस स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए टाटा एआईजी बीमा कंपनी से करार किया है। योजना लागू होने के बाद कर्मचारियों को मिल रहे 1000 रुपए मासिक मेडिकल भत्ते में से 500 रुपए काटकर बीमा प्रीमियम के रूप में लिया जा रहा है। सरकार को प्रति परिवार 4850 रुपए सालाना प्रीमियम का भुगतान करना होगा, और मार्च महीने का भुगतान पहले ही कर दिया गया है।

 

सिर्फ राज्यकर्मियों को पहले चरण में इस योजना में शामिल किया गया है, जबकि पेंशनरों और अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए यह योजना 1 मई से लागू होगी।

 

पैनल में प्रमुख अस्पतालों को जोड़ने की आवश्यकता

 

झारखंड सचिवालय सेवा के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने इस योजना की सफलता के लिए कुछ अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा, “बीमा कंपनी को अपने पैनल में रिम्स, सदर और एम्स जैसे प्रमुख अस्पतालों के साथ-साथ सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को भी जोड़ना चाहिए। ताकि गंभीर बीमारियों का समय पर और उचित इलाज हो सके। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड जल्द से जल्द बन जाए, ताकि वे इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।”

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