DVC मैथन पर लगा मनमानी का आरोप : 20 वर्षों से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दौड़ लगा रहे मृत कर्मियों के आश्रित, अब करेंगे अनिश्चितकालीन आंदोलन

DHANBAD: दामोदर घाटी निगम( Damodar valley Corporation) न सिर्फ बिजली उत्पादन के लिए बल्कि मनमानी के लिए भी सुर्खियों में है। डीवीसी मैथन के कर्मियों के आश्रित ने प्रेस वार्ता कर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
मृत कर्मियों के आश्रित वर्षों से अनुकंपा नौकरी की मांग कर रहे है परंतु डीवीसी इस मामले पर अड़ियल रवैया अपना रहा है। आवेदन और पत्राचार के वावजूद जब बात नहीं बनी तो डीवीसी मृत कर्मी आश्रित परिवार के सदस्यों ने प्रेस वार्ता कर मीडिया से जानकारी साझा की।ऐसा नहीं है कि डीवीसी पर इस तरह के आरोप की घटना पहली है।इसके पहले भी झारखंड के प्रति सौतेला व्यवहार के जय आरोप लग चुके है।इसके वावजूद डीवीसी अपनी छवि सुधारने में असफल रहा है।
दर दर की ठोकर खा रहा मृत कर्मी के आश्रित अपनी बात जिम्मेदार पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि, प्रधानमंत्री, तक अपनी बात पहुंचा चुके है। परन्तु मांग पूरी नहीं होने पर अब अनिश्चितकालीन आंदोलन की धमकी दे रहे है। आंदोलन स्थल डीवीसी मैथन के कार्यालय के समीप निर्धारित किया है।
क्या है मांग
डीवीसी के मृत कर्मियों के आश्रित ने आरोप लगाते हुए कहा है कि हम सभी डी.वी.सी मैथन (Damodar Valley Corporation) के मृत कर्मियों के आश्रित हैं। बीस वर्ष से अधिक समय से हम अनुकम्पा आधारित नियोजन (Compassionate Appointment) की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला है।
डी.बी.सी मैथन में सैकड़ों संचिकाएँ वर्षों से लंबित हैं। मृत कर्मियों के आश्रितों को नौकरी न देकर डी.वी.सी प्रशासन हमें एकमुश्त 15 लाख रुपये मुआवजा देने की बात कर रहा है। यह अमानवीय कदम है, क्योंकि आश्रित परिवारों को उनका नौकरी का हक छीना जा रहा है।
DVC पर लगाया गुमराह करने का आरोप
आश्रित द्वारा RTI (जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005) के तहत जानकारी माँगी, तो डी.वी.सी मैथन के अधिकारियों ने लिखित रूप से सूचित किया कि 1991 से अनुकम्पा आधारित नियोजन बंद ही लेकिन डी.वी.सी मुख्यालय, कोलकाता ने साफ जानकारी दी कि –
16 फरवरी 1993 को जयंत कुमार गांगुली (पिता स्व० निर्मल कुमार गांगुली),
26 मई 1994 को बशोक बाउरी (पिता स्व० सरदी),
28 फरवरी 1997 को जगन्नाथ महतो (पिता स्व० छोपू),
को अनुकम्पा के आधार पर नियोजन दिया गया था।
यानी कि डी.वी.सी मैथन द्वारा दिया गया बयान झूठा और भ्रामक है।
सांसद से भी नहीं बनी बात
इस विषय पर पीड़ित द्वारा धनबाद सांसद ढुल्लू महतो से भी मुलाकात की। उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया, डी.वी.सी मुख्यालय को पत्र लिखा और चेयरमैन से वार्ता की। लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन मिला, न्याय नहीं।
क्या है मांग
हम सभी आश्रित परिवारों की स्पष्ट मांग है कि-
1 . मृत कर्मियों के आधितों को तुरंत अनुकम्पा आधारित नियोजन दिया जाए।
2. डी.वी.सी मैथन के अधिकारियों की भ्रामक व झूठी रिपोर्ट पर कठोर कार्रवाई की जाए।
3. भारत सरकार एवं विद्युत मंत्रालय इस विषय पर तुरंत उच्च स्तरीय जाँच कराए।
पत्र द्वारा प्रधानमंत्री, विद्युत मंत्रालय, और धनबाद सांसद से निवेदन किया हैं कि इस मामले को गंभीरता से लेकर हमें हमारा अधिकार दिलाएँ।
प्रेस वार्ता में हरिद्वार कुमार, दीनानाथ राय, कृष्णा सिंह, हेमंत कुमार तुरी, परिमल किस्कू, बीरबल मरांडी मौजूद थे।