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क्या आप जानते हैं महाकुंभ मेला में कितना चलना पड़ेगा पैदल? कहां मिलेगी पार्किंग? कहां ठहरे?
144 सालों बाद इस साल महाकुंभ का संयोग बना है और प्रयागराज में पावन संगम के तट पर 13 जनवरी से इसकी शुरुआत हो चुकी है। 13 जनवरी की आधी रात को जब पौष पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत हुई, उस समय से पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो महाकुंभ के पहले दिन ही 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगायी।
इस साल महाकुंभ मेला लगभग 45 दिनों तक चलेगा। 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलने वाला है। इस दौरान 6 शाही स्नान होंगे। संभावना जतायी जा रही है कि इस साल महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु पहुंच सकते हैं। अगर आप भी महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज जाने की योजना बना रहे हैं तो इस आर्टिकल को अच्छी तरह से पढ़ लें। क्योंकि हम आपको कुछ बेहद जरूरी बातें बताने वाले हैं।
चलना पड़ेगा पैदल
अब तक आपने सोशल मीडिया पर विभिन्न Vloggers की वायरल वीडियो में प्रयागराज में महाकुंभ मेले को लेकर की गयी तैयारियों, रात के समय जगमगाते प्रयागराज शहर आदि का वीडियो तो जरूर देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज में आपको कितना पैदल चलना पड़ेगा? अगर आप निजी गाड़ी या किराए की गाड़ी से भी जाते हैं, तब भी प्रयागराज में महाकुंभ मेला परिसर तक आपकी गाड़ी नहीं जा सकेगी।
गाड़ियों को प्रयागराज की सीमा के पास ही रोक दिया जा रहा है, जहां से पैदल ही तीर्थ यात्रियों को मेल परिसर तक जाना पड़ेगा। तो कितनी दूरी चलना होगा पैदल? अगर आप महाकुंभ मेले में जाते हैं तो कम से कम 10 से 12 किमी पैदल चलने के लिए तैयार रहे। गाड़ी से उतरने के बाद या पार्किंग स्पॉट से मेला परिसर करीब 10 से 12 किमी की दूरी पर मौजूद है, जहां तक पहुंचने के लिए आपको पैदल ही चलना पड़ेगा।
कहां-कहां बनाए गये हैं पार्किंग?
दैनिक भास्कर की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार प्रयागराज में प्रवेश के लिए 7 एंट्री द्वार बनाए गये हैं। बस, निजी वाहन, किराए की गाड़ियां सभी इन्हीं रास्तों से होकर संगम तक पहुंचेंगे। लेकिन इन सभी गाड़ियों को शाही स्नान से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक मेला परिसर से लगभग 10 किमी दूर ही रोक दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में छोटी और बड़ी मिलाकर कुल 102 पार्किंग स्पॉट बनाए गये हैं।
कौन से मार्ग के पास कहां है पार्किंग?
मार्ग | भारी वाहनों की पार्किंग | हल्के वाहनों की पार्किंग |
जौनपुर | हरिनाथधाम, कमलेश डिग्री कॉलेज, ग्रीन लैंड | पूरे सूरदास और समयामाई |
वाराणसी | कान्हा मोटर, सरस्वती द्वार | महुआबाग, पटेलबाग, छतनाग, नागेश्वर ट्राएंट मोटर, शिव मंदिर |
मिर्जापुर | सरस्वती हाईटेक पश्चिम, पूर्वी | देवरख उपरहार, ओमेक्स सिटी, सरस्वती हाईटेक पश्चिम |
रीवा-चित्रकूट | धनुहा, एफसीआई और इंदरपुर | नवप्रयागम, एग्रीकल्चर, लेप्रोसी |
कानपुर | नेहरु पार्क सैन्य भूमि, साईंनाथ, नवयुग स्मार्ट सिटी, अभय मेमोरियल | काली एक्सटेंशन, कार्यशाला पीपा पुल, गल्ला मंडी, सीएमपी, सीआईसी, ईवीवी, बीएचएस |
लखनऊ | बेला कछार, चंपतपुर, घाटमपुर व आदमपुर | भारत स्काउट एंड गाईड, एनसीसी, बड़ा बघाड़ा, एमएनएनआईटी, एनआरआईपीटी |
अयोध्या-प्रतापगढ़ | बेला कछार, पांडेय की बाग, राजापुर, शिवगढ़ भावापुर | बेला कछार, पांडेय की बाग, राजापुर, शिवगढ़ भावापुर |
कहां से आने वाली ट्रेन कौन से स्टेशन पर रुकेगी?
बताया जाता है कि महाकुंभ के लिए करीब 3000 स्पेशल ट्रेन शुरू की गयी है। ये सभी ट्रेनें 13,000 से अधिक फेरें लगाएंगी। प्रयागराज जंक्शन के अलावा 8 सब-स्टेशनों पर भी महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें आएंगी और यहीं से खुलेंगी।
- कानपुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय, सतना और झांसी से आने वाली ट्रेन प्रयागराज जंक्शन पर रुकेगी और यहीं से खुलेगी।
- सतना, झांसी और दीनदयाल उपाध्याय की ओर से आने वाली रुटिन गाड़ियां नैनी और छिवकी जंक्शन पर रुकेगी।
- लखनऊ, अयोध्या और जौनपुर की ओर से आने वाली ट्रेनों को फाफामऊ, प्रयाग स्टेशन और प्रयागराज संगम स्टेशन पर रोका जाएगा।
- वाराणसी, गोरखपुर और मऊ से आने वाली गाड़ियों को झूंसी और रामबाग स्टेशन पर रोका जाएगा।
- जिस दिन शाही स्नान होगा, उस दिन प्रयागराज संगम स्टेशन तक ट्रेन नहीं जाएगी।
कौन से शहरों से प्रयागराज के लिए सीधी फ्लाईट?
वर्तमान में प्रयागराज में जिन शहरों से सीधी अथवा कनेटिंग विमान सेवा उपलब्ध है –
- दिल्ली
- मुंबई
- लखनऊ
- रायपुर
- बेंगलुरु
- कोलकाता
- अहमदाबाद भोपाल
- चेन्नई
- जयपुर
- जम्मू
- गुवाहाटी
- नागपुर
- पुणे
- देहरादून
- इंदौर
- पटना
- गोवा
- अयोध्या
- जबलपुर
- चंडीगढ़
- बिलासपुर
- हैदराबाद
कहां-कहां बनी हैं टेंट सिटी?
महाकुंभ मेले में लोगों के ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गयी है। मेले में लगभग 10 लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था की गयी है, जो निःशुल्क और शुल्क समेत, दोनों तरह के हैं। इसके अलावा लग्जरी डोम सिटी भी बसायी गयी है, जहां प्रति रात का किराया 40 से 80 हजार रुपए तक है। डोम सिटी के आसपास लगभग 2000 टेंट वाली सिटी बसाई गयी है, जहां ठहरने के लिए आपको 3 से 30 हजार तक का किराया चुकाना पड़ सकता है। इन सबकी प्री-बुकिंग करवाना अनिवार्य है।
- पूरे मेला परिसर में सामान्य टेंट की संख्या – लगभग 1 लाख
- लग्जरी टेंट की संख्या – 2000
- स्वयंसेवी संस्थाओं के टेंट की संख्या – लगभग 40,000
- अरैल क्षेत्र में बने टेंट की संख्या – करीब 2000
- झूंसी क्षेत्र में बने टेंट की संख्या – करीब 2000
- मेला क्षेत्र में बने कुल रैन बसेरा – 100 (हर रैन बसेरा में 250 बिस्तर)
- 9 रेलवे स्टेशनों के आसपास कितने तीर्थ यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था – लगभग 1 लाख
इसके अलावा प्रयागराज में स्टेशनों के आसपास करीब 50 होटल और पूरे प्रयागराज शहर में 204 गेस्ट हाउस हैं। यहां भी तीर्थ यात्रियों को ठहराने की पूरी व्यवस्था की गयी है।