जवानी में बढ़ रही है डायबिटीज़…डॉक्टरों ने बताए 5 डरावने संकेत, जिन्हें पहचानना ज़रूरी है….

जवानी में शरीर को दीमक की तरह खा रही है ये ‘साइलेंट बीमारी’! डॉक्टर बोले – इन 5 खतरनाक संकेतों को नजरअंदाज किया तो देर हो जाएगी…

भारत अब “डायबिटीज़ कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” बन चुका है। ICMR-INDIAB 2023 की स्टडी के अनुसार, देश में 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटिक हैं, जबकि 14 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक अवस्था में हैं — यानी खतरे की सीधी जद में। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब डायबिटीज़ सिर्फ बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रही, युवा और किशोर भी इसका शिकार बन रहे हैं।

डॉक्टर्स के मुताबिक, गलत खानपान, स्क्रीन टाइम, तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी ने युवाओं को तेजी से इस बीमारी की तरफ धकेला है। और सबसे डराने वाली बात — ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें डायबिटीज़ हो चुकी है।

 शरीर दे रहा है डायबिटीज़ के ये 5 अहम संकेत

  1. बार-बार पेशाब आना और ज़्यादा प्यास लगना – शरीर जब शुगर कंट्रोल नहीं कर पाता, तो गुर्दे बार-बार पानी निकालते हैं।

  2. बेवजह वज़न घट जाना या कमज़ोरी महसूस होना – यह शरीर के अंदर ग्लूकोज़ न बनने की निशानी है।

  3. धुंधला दिखाई देना या आंखों में जलन – डायबिटीज़ रेटिना को नुकसान पहुंचाती है।

  4. घाव का देर से भरना, इंफेक्शन या खुजली – खासकर प्राइवेट पार्ट्स में खुजली होना एक बड़ा संकेत है।

  5. बार-बार थकान और नींद न आना – शरीर की एनर्जी जब अंदर ही ‘फँस’ जाती है, तो थकावट बढ़ जाती है।

अगर इनमें से कोई भी लक्षण नज़र आए, तो तुरंत ब्लड शुगर की जांच कराएं।

 कम उम्र में क्यों बढ़ रही है डायबिटीज़?

डॉक्टर पंकज अग्रवाल (हॉर्मोन केयर एंड रिसर्च सेंटर, गाज़ियाबाद) बताते हैं —

“आज की युवा पीढ़ी का लाइफस्टाइल बहुत सुस्त है। जंक फूड, स्ट्रेस और नींद की कमी ने उन्हें अंदर से बीमार बना दिया है। अब 15 से 25 साल के युवाओं में भी टाइप-2 डायबिटीज़ देखी जा रही है।”

वहीं डॉक्टर सुबोध बंजाल और डॉक्टर बलराम शर्मा के मुताबिक, जेनेटिक कारण और मानसिक तनाव भी डायबिटीज़ के मामलों को बढ़ा रहे हैं।

 कौन-से टेस्ट से पकड़ में आती है डायबिटीज़?

  • फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज़ टेस्ट: 8 घंटे खाली पेट रहकर किया जाता है।

    • 100 mg/dL तक – सामान्य

    • 100–125 mg/dL – प्री-डायबिटिक

    • 126 mg/dL से ज़्यादा – डायबिटीज़

  • पोस्ट मील टेस्ट: खाना खाने के 2 घंटे बाद।

    • 140–199 mg/dL – प्री-डायबिटिक

    • 200 mg/dL से ऊपर – डायबिटिक

  • HbA1c टेस्ट: पिछले 3 महीने की शुगर स्थिति बताता है।

    • 6.5% से ऊपर – डायबिटिक

डॉक्टर्स की सलाह – रैंडम ग्लूकोज़ टेस्ट से बचें, ये गलत रिपोर्ट दे सकता है।

तनाव और नींद की कमी भी बड़ा कारण

तनाव (Stress) शरीर में ऐसे हॉर्मोन बढ़ाता है जो इंसुलिन के खिलाफ काम करते हैं। लगातार तनाव रहने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ते हैं।
 योग, प्राणायाम, मेडिटेशन और परिवार के साथ समय बिताना डायबिटीज़ के खतरे को घटा सकता है।

 एक्सरसाइज़ और डाइट ही असली इलाज

  • हर दिन कम से कम 30 मिनट तेज़ चाल से चलें या हल्का व्यायाम करें

  • फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक, फ्रूट जूस से दूरी बनाएं।

  • पारंपरिक भोजन, हरी सब्ज़ियाँ और फाइबरयुक्त खाना अपनाएं।

  • स्क्रीन टाइम कम करें और नींद पूरी लें।

 अगर डायबिटीज़ को नजरअंदाज किया तो…

डायबिटीज़ आंख, किडनी, नसों और दिल को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है।
डॉक्टर्स इसे “दीमक की तरह शरीर को खोखला करने वाली बीमारी” बताते हैं।
रेटिनोपैथी, किडनी फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी जटिलताएं धीरे-धीरे शरीर को जकड़ लेती हैं।

जवानी में डायबिटीज़ अब नया खतरा बन चुकी है। ये चुपचाप शरीर को अंदर से खत्म करती है।
अगर आप अपने भविष्य को मीठी मौत से बचाना चाहते हैं, तो आज ही अपने शुगर लेवल की जांच कराएं, हेल्दी खाएं और तनाव से दूर रहें।

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