DGP का सख्त निर्देश : सिर्फ संदेह पर महिला, बुजुर्ग व नाबालिगों की ना करें गिरफ्तारी, जानिए क्यों दिया ऐसा आदेश
यूपी: बेवजह गिरफ्तारी करने और महिलाओं, बुजुर्गों व नाबालिगों को थाने में बुलाकर पूछताछ की प्रवृत्ति को लेकर सरकार ने सख्त निर्देश जारी किया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीएस चौहान ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जब तक किसी मामले में पुख्ता साक्ष्य न हों, संदेह के आधार पर गिरफ्तारी न की जाए। डीजीपी ने इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
क्यों देना पड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले मामलों में होने वाली गिरफ्तारी, पूछताछ के नोटिस आदि को लेकर सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश जारी करने और इसका अनिवार्य रूप से पालन कराने को कहा है. इसके मुताबिक महिलाओं, नाबालिगों, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और मानसिक या शारीरिक रूप से निशक्त व्यक्ति को उसके निवास स्थान के अलावा कहीं और पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जाएगा। पुलिस अधिकारी के बारे इस तरह की शिकायत मिलने के बाद शासन द्वारा आदेश जारी करना पड़ा। न्यायालय ने भी इस तरह की कारवाई को लेकर फटकार लगाई थी।
पूछताछ के वक्त परिजनों, महिला पुलिस की मौजूदगी जरूरी
DGP ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि महिलाओं से पूछताछ के लिए उसे थाने पर नहीं बुलाया जाएगा। पूछताछ उसी जगह करनी होगी, जहां महिलाएं रहती हैं. इस दौरान परिजन और महिला पुलिस की उपस्थिति अनिवार्य होगी। बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के मामले में उसके परिवार के सदस्यों, संरक्षकों अथवा किशोर कल्याण अधिकारियोंं की उपस्थिति में ही पूछताछ की जा सकेगी।
कानूनी प्रावधान का भी दिया हवाला
जांच में यदि कोई संज्ञेय अपराध प्रकट नहीं होता है, तो ऐसे व्यक्ति से मजिस्ट्रेट के न्यायालय में हाजिर होने की अपेक्षा नहीं की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को धारा 41 के तहत नोटिस देकर बुलाया जाता है तो जांच अधिकारी के सामने पेश होने पर वह पावती के लिए अनुरोध कर सकता है। यदि उसे पुलिस थाने की बजाय किसी अन्य स्थान पर बुलाया जाता है तो वहां एक स्वतंत्र साक्षी भी होना चाहिए। बेवजह मानसिक रूप से दवाब या प्रताड़ित करने की शिकायत मिलने पर कारवाई कि जाएगी।यदि किसी कारणवश वह नियत तिथि पर उपस्थित नहीं होता है तो उसे जांच अधिकारी अधिकतम चार दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है।