बाबाधाम में भक्त खूब चढ़ा रहे चढ़ावा: विदेशी करेंसी, डॉलर, चांदी के सिक्के सहित बाबा के 18 दान पत्र में मिला ये खास चढ़ावा
Devotees are making a lot of offerings in Babadham: This special offering was found in Baba's 18 donation letters including foreign currency, dollars, silver coins

BABA DHAM DEOGHAR : बाबाधाम पर लोगों की अटूट आस्था है। सावन तो छोड़िये सामान्य दिनों में भी देवघर श्रद्धालुओं से पटा पड़ा रहता है। सिर्फ देश प्रदेश से नहीं बाबा की महिमा की चर्चा विदेशों में भी है, लिहाजा देवघर के बाबा मंदिर में पूजा करने देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। बाबा धाम में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. भक्त दिल खोल कर दान करते हैं।
मंदिर में सबसे ज्यादा चढ़ावा सावन के महीने में आता है। इस साल पूरे सावन महीने में 10 करोड़ से भी ज्यादा बाबा मंदिर को चढ़ावा प्राप्त हुआ था। श्रद्धालु पूजा करने के बाद अपनी सामर्थनुसार, उस दानपत्र में चढ़ावा चढ़ाते हैं।
जब पात्र भर जाता है तो समय समय पर उसको खोला जाता है. पैसों की गिनती की जाती है।वहीं, आज 27 नवंबर को 18 दानपात्र खोले गए, जिसमें से 15 लाख से भी ज्यादा का चढ़ावा निकला।
बाबा धाम परिसर में रखे 18 दानपात्र को मंदिर प्रशासन की देखरेख में खोला गया और रुपयों की गिनती की गई। जानकारी के मुताबिक गिनती के बाद मंदिर को कुल 15 लाख 92 हजार 890 रुपये का चढ़ावा मिला। इसमें 1,060 नेपाली रुपये प्राप्त हुए। साथ ही एक चांदी का सिक्का जो 1918 का है। 8 डॉलर, 40 कैनेडियन डॉलर और 10 भूटानी करेंसी भी मिली।
18 दानपात्र में सिक्कों और नोटों की संख्या ज्यादा होने के कारण गिनती में सारे मंदिर कर्मियों को लगाया जाता है. साथ ही इस गिनती में प्रशासन से मजिस्ट्रेट और कई पुलिसकर्मी भी मौजूद रहते हैं। 2 ज्योतिर्लिंग में से एक देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम देश-विदेश में प्रसिद्ध है। यहां साल भर श्रद्धालुओं को जमावड़ा लगा रहता है।
माना जाता है कि यहां मांगी गई मन्नत जरूर पूर्ण हो जाती है, इसलिए इस धाम को मनोकामना लिंग भी कहते हैं। यहां कई ऐसी परंपरा हैं जो किसी अन्य मंदिर में देखने को नहीं मिलतीं। जैसे हर ज्योतिर्लिंग मे भगवान भोलेनाथ के पास त्रिशूल होता है, लेकिन यहां मंदिर के शिखर में पंचशूल विराजमान है।