देवघर: देवघर एयरपोर्ट के पास बनाए गए 9 आलीशान भवन तोड़ने के लिए चिन्हित किए गए हैं। अभी तक यह तोड़े नहीं गए हैं। मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। देवघर एयरपोर्ट के संचालन को लेकर अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है। झारखंड हाईकोर्ट ने उन तमाम मकान मालिकों को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है। जिनके मकान या भवन देवघर एयरपोर्ट के पास तोड़ने की योजना है। अदालत ने देवघर डीसी मंजूनाथ भंजत्री को आदेश दिया है कि भवन मालिकों को इस संबंध में नोटिस भेजा जाए। यही नहीं नोटिस भेजने के बाद अदालत को सूचित भी किया जाए। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर 2022 को करेगी।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दाखिल की है याचिका

मालूम हो कि इस संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से बताया गया कि देवघर एयरपोर्ट के पास तय सीमा से ऊंचे बने भवनों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया गया है। जिन नौ लोगों को नोटिस जारी किया गया है, इस पर अदालत ने सभी को प्रतिवादी बनाने हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इसकी पूरी जानकारी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है। बता दें देवघर एयरपोर्ट के संचालन के लिए मूलभूत सुविधा प्रदान नहीं किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

विवादों के कारणा चर्चा में रहा है देवघर एयरपोर्ट

मालूम हो कि देवघर एयरपोर्ट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष 12 जुलाई को किया था। उदघाटन के बाद से ही नए नए विवादों के कारण यह एयरपोर्ट चर्चा में बना हुआ है। इस एयरपोर्ट के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश और रात में विमान उड़ान को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच पिछले दिनों जमकर विवाद हुआ था। दोनों तरफ से एक दूसरे पर मुकदमे भी दर्ज कराए चुके हैं। इसके अलावा एसी ने एयरपोर्ट की सुरक्षा से झारखंड पुलिस को हटाने तक की सिफारिश कर दी है।

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