रांची: अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का दो दिवसीय प्रदर्शन जारी है।इस दौरान सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर शिक्षण कार्य किया जा रहा है। 4 और 5 नवंबर को आयोजित इस सांकेतिक प्रदर्शन में प्रदेश भर के शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया। शुक्रवार एवं शनिवार को शिक्षक काला बिल्ला लगाकर स्कूल में शिक्षक शिक्षण कार्य करेंगे।

संगठन की ओर से चार सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन को सफल बनाने की अपील की थी। उन्होने कहा कि छठे पुनरक्षित वेतनमान की विसंगति को दूर किया जाए। मांगों में बिहार सरकार के तर्ज पर एमएसीपी का लाभ, अन्तर जिला स्थानांतरण जल्द करने, गैर शैक्षणिक कार्य एवं लिपिकीय काम से शिक्षकों को मुक्त करने आदि मांग शामिल है। कहा यदि सरकार ने मांगों को नहीं मानी तो शिक्षक अनिश्चितकालीन अनशन करने को मजबूर होंगे जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।
मांगे नहीं माने जाने की स्थिति में 19 नवंबर को सीएम आवास घेराव करने हेतु तैयारी पर चर्चा की।शिक्षकों की मांगों में मुख्य रूप से एमएसीपी को लागू करना, छठे वेतनमान में हुई विसंगति को दूर करना, अंतर जिला स्थानांतरण में आ रही कठिनाइयों को दूर करना, लिपिकीय कार्य एवं गैर शैक्षणिक कार्य से शिक्षकों को मुक्त करना शामिल है। 7 से 12 नवंबर के बीच स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर 19 नवंबर को पूरे झारखंड के शिक्षक मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।

मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम में गुमला जिला से सैंकड़ों शिक्षक, शिक्षिकाएं शामिल होंगे। इसके बाद भी बात नहीं बनी, तो 17 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन धरना, अनशन किया जाएगा। संघ के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र खेरवार, महासचिव सुरंजन कुमार और जिला प्रवक्ता पतिया उरांव ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों की अस्मिता खतरे में है।


अधिकारियों के शोषण, पक्षपातपूर्ण रवैया एवं उपेक्षाओं से तंग आकर लंबित मांगों को लेकर शिक्षक आन्दोलन का रास्ता अख्तियार किए हैं। संघ बिहार की तर्ज पर एमएसीपी योजना लागू करने, छठे वेतनमान में वेतन विसंगति को दूर करते हुए सचिवालय कर्मियों की तरह वेतनमान लागू करने की मांग की गई।

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