शिबू सोरेन की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल करने की मांग, PASWA का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मिलेगा

Demand to include Shibu Soren's biography in school curriculum, PASWA delegation will soon meet Chief Minister and Education Minister

Shibu soren Biography in cylbus: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और आदिवासियों के मसीहा कहे जाने वाले शिबू सोरेन पंचतत्व में विलीन हो गए हैं, लेकिन उनकी यादें अभी भी लोगों के दिलों में बसी हुई है।

 

इस बीच शिबू सोरेन की जीवनी को राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठने लगी है। निजी स्कूलों की शीर्ष संस्था पीएएसडब्ल्यूए की तरफ से गुरुवार को संबंध में मांग की गई। निजी स्कूल एवं बाल कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने कहा कि आदिवासी नेता शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

 

इसे झारखंड की मूल्य आधारित शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बनना चाहिए। झारखंड राज्य के प्रणेता कहे जाने वाले शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त को 81 साल की आयु में एक अस्पताल में हो गया था। वह लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग करते हुए दुबे ने कहा झारखंड के हर बच्चे को उस नेता के बारे में जानने का अधिकार है जिसने राज्य के निर्माण और उसकी राजनीतिक पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

शिबू सोरेन का जीवन त्याग और संघर्ष सामाजिक न्याय के लिए अथक प्रयास का प्रतीक है और सभी शैक्षणिक स्तरों पर छात्रों को उनके बारे में जानना जरूरी है। पीएएसडब्ल्यूए का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री से मिलकर इस संबंध में मांग पत्र प्रस्तुत करेगा। आपको बता दें कि इससे पहले भी शिबू सोरेन के जीवन से संबंधित प्रेरक प्रसंग को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठी थी।

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