कानपुर। दारोगा को आशिकी महंगी पड़ गयी है। आशिक मिजाजी की खबरें वायरल होने के बाद अब एसपी ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया है। मामला कानपुर का है, जहां दारोगा तेजवीर सिंह पर महिला से दोस्ती करने और अकेले में मिलने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। फोन पर दारोगा की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद कानपुर पुलिस की किरकिरी होने लगी. मामला संज्ञान में आने के बाद आखिरकार आशिक मिजाज दारोगा तेजवीर सिंह पर निलंबन की कार्रवाई हुई।

दरअसल कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र की महिला ने घरेलू झगड़े की शिकायत पुलिस से की थी। पति महिला को मारता-पीटता था। शक की वजह से पति महिला की पिटाई करने लगा. पति के खिलाफ महिला ने साढ़ थाने में मारपीट की शिकायत की। मामले की जांच का जिम्मा साढ़ थाने के दारोगा तेजवीर सिंह को सौंपा गया।

आरोप है कि दारोगा मदद के नाम पर महिला से आशिकी करने लगा। इस मामले में एक ऑडियो वायरल हो गया, जिसमें दारोगा महिला से पूछता है कि पति कितने बजे ड्यूटी जाते हैं और कब लौटते हैं। बच्चे के स्कूल जाने और लौटने की भी जानकारी ली जाती है। दारोगा को कहते सुना जा सकता है कि मैं तुम्हारा सम्मान करता हूं, तुम मेरा सम्मान करती हो या नहीं। मैं तुम्हारी तन, मन और धन से मदद करूंगा। जब पति घर पर न हो तो आ जाना, मैं बहुत भूखा हूं।

तुम ऐसा इंसान नहीं पाओगी, तो क्या मैं समझूं कि दोस्ती हो गई। मैं भी इंसान हूं, इंसान को भूख नहीं लगती है क्या। ऑडियो में महिला से आपत्तिजनक बातचीत हो रही है। एसआई तेजवीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. प्रकरण की जांच एसीपी घाटमपुर को सौंप दी गई है. रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

जरा दारोगा साहब की बातें आप भी पढ़ लीजिए
दरोगा – फोन पर क्या बताऊं मैं सम्मान का भूखा हूं, और कुछ नही चाहिए।
पीड़ित- आपकी बात ठीक है। रात का समय है मेरे घरवाले मुझ पर शक करते है। रात में बात नहीं कर सकती।
दरोगा – कल कितने बजे टाइम निकलोगे।
पीड़ित – दोपहर में।
दरोगा – दोपहर में किस टाइम पर बात करूं तुम्हारे पति कितने समय डयूटी आते जाते है।
पीड़ित – 12 बजे मेरे पति डयूटी करने जाते हैं और रात को 12 बजे आते है, तो दोपहर में करना।
दरोगा – यार बउवा को लेकर घूमने चली आओ, दस मिनट के लिए मिलते है यार।
पीड़ित – अंकल जी ठीक नहीं लगता है, दोपहर में बाउवा स्कूल जाता है।
दरोगा – अब मैं खुश हूं, मैं खुद घर आ जाता पर लोग कहेंगे पुलिस वाला घर आया था।
पीड़ित – बात ठीक है, पर मुझे आपसे मदद चाहिए और कुछ नही।
दरोगा – तुम मेरी बात सुनो दवा ले लो पैसे मैं खर्च के लिए दे दूंगा। पैसों की टेंशन तुम बिल्कुल मत लेना। मैं 12 बजे फोन करूंगा तुम्हे और तुम मुझे फोन मत करना नहीं तो मेरे घर पर झगड़ा हो जाएगा।
पीड़ित – आजकल किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता, मैं बहुत परेशान हूं मेरे पति तलाक देने को कह रहे है। अब मै क्या करूं

दरोगा – तुम्हारे पति को हम ठीक कर देंगे। चक्कर में मत पड़ो तुम सुकून से रहो और किसी को फ़ोन मत करो बिल्कुल। मैं डांट दूंगा एक बार तो सही हो जाएगा कुछ नहीं कहेगा तुमसे।
पीड़ित – मेरा पति कहता है, कि पुलिस मेरा क्या कर लेगी?
दरोगा – मैं तेरी पूरी मदद करूंगा। तू मानेगी तो नहीं मानेगी तो भागने का क्या फायदा? मैं तुम्हारी तन मन धन से मदद करूंगा। मेरे जैसा आदमी नहीं पाओगी तुम क्या मैं बुरा हूं।
पीड़ित – मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, हम आपको बुरा नहीं कह रहे।
दरोगा – तो मैं दोस्ती मान लूं, हो गई दोस्ती, मैं अच्छा इंसान हूं। इंसान को भूख लगती है। तो उसे खाना चाहिए।
पीड़ित – आप हमसे बहुत बड़े है। खाना इंसान खाता है, आपकी बात गलत नहीं है। अंकल आप मुझसे बहुत बड़े है, उम्र में भी इच्छा नहीं है। जब मैं कुछ नहीं करती तब बदनाम हूं।
इस ऑडियो के वायरल होते ही उच्च अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया और दारोगा को फिलहाल निलंबित कर दिया।

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