तबाही मचाने आ रहा चक्रवात मोन्था : मौसम विभाग ने भीषण चक्रवात की दी चेतावनी, इन राज्यों में मचायेगा तबाही, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

Cyclone Montha is coming to wreak havoc: Meteorological Department has warned of a severe cyclone, which will wreak havoc in these states, Meteorological Department has issued a red alert.

Cyclone Alert : मौसम विभाग (IMD) ने भीषण चक्रवात का अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की गयी है। सिस्टम तेजी से विकसित होकर 27 अक्टूबर तक चक्रवाती तूफान “मोन्था” में बदल सकता है। इसके प्रभाव से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

 

मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और कई तटीय जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बना कम दबाव का क्षेत्र तेजी से सक्रिय हो रहा है। आने वाले 48 से 72 घंटों में यह सिस्टम चक्रवाती तूफान “मोन्था (Montha)” का रूप ले सकता है।

 

सुबह 5:30 बजे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर यह कम दबाव का क्षेत्र बना था, जो अब धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। IMD का अनुमान है कि यह 27 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा और इसके प्रभाव से तटीय इलाकों में तेज हवाएं और भारी वर्षा देखने को मिलेगी।

 

तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी

IMD ने चेतावनी दी है कि आने वाले तीन दिनों में तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कई तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। कई इलाकों में बिजली गिरने और तेज हवाओं से नुकसान की आशंका है। इन राज्यों के आपदा प्रबंधन बलों को अलर्ट पर रखा गया है और स्थानीय प्रशासन को राहत व बचाव दल तैनात रखने के निर्देश दिए गए हैं।

 

मछुआरों के लिए सख्त चेतावनी

समुद्र में तेजी से बढ़ती लहरों और तेज हवाओं के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को 25 अक्टूबर से बंगाल की खाड़ी के मध्य और दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में न जाने की सलाह दी है।

 

• 25 अक्टूबर से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों पर समुद्र में प्रवेश न करें।

• 26 अक्टूबर से ओडिशा तट के पास समुद्री गतिविधियों पर रोक की सलाह दी गई है।

• जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तत्काल तट पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।

 

IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, जैसे-जैसे यह सिस्टम गहराता जाएगा, हवाओं की रफ्तार 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। चक्रवात का असर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में सबसे ज्यादा दिखाई देने की संभावना है।

 

क्यों खतरनाक है ‘मोन्था’?

बंगाल की खाड़ी का तापमान इन दिनों सामान्य से अधिक है, जिससे कम दबाव का क्षेत्र तेजी से ऊर्जा ग्रहण कर रहा है। यह प्रक्रिया चक्रवाती तूफान को ताकतवर बनाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हवा की दिशा में बदलाव नहीं हुआ, तो “मोन्था” एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।

Related Articles