मंत्री हफीजुल हसन की PHD की डिग्री पर विवाद, भाजपा ने बताया फर्जी, पाकिस्तान कनेक्शन से भी जोड़ा, JMM का पलटवार

Minister hafizul Ansari: मंत्री हफीजुल हसन अंसारी अब नए विवाद में घिर गए हैं। उनकी डॉक्टरेट की डिग्री पर सवाल खड़े हो गए हैं। भाजपा ने इसे फर्जी यूनिवर्सिटी के द्वारा जारी किया गया डिग्री बता रही है। साथ ही साथ इसे पाकिस्तानी लिंक से भी जोड़ा जा रहा है। भाजपा प्रवक्ता अजय शाह ने आरोप लगाया है कि मंत्री हफीजुल अंसारी को मिली डॉक्टरेट की डिग्री एक फर्जी यूनिवर्सिटी से मिली है।
उन्होंने कहा कि भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशनल यूनिवर्सिटी में जो मानद उपाधि से उन्हें नवाजा है, वह ऐसी संस्था है जिसे ना तो यूनिवर्सिटी शब्द का प्रयोग करने का अधिकार है और ना ही किसी प्रकार की उपाधि देने की उसे मान्यता है। भाजपा प्रवक्ता ने यूजीसी एक्ट का हवाला देते हुए कहा है कि एक्ट 22 में साफ कहा गया है कि यूनिवर्सिटी को ना यूजीसी,ना भारत सरकार और ना ही झारखंड सरकार ने कोई मान्यता दी है।
अजय शाह ने दावा किया कि हफीजुल अंसारी ने भारतीय संविधान के तहत मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त न कर पाने के बाद शरीयत कानून द्वारा संचालित एक फर्जी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की है, जो शुद्ध रूप से एक फर्जी संस्था है। ये मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के द्वारा संचालित की जाती है और इसका कोई भी वैधानिक अस्तित्व नहीं है।
हालांकि इस पूरे मामले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा पर पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता के आरोपों पर JMM प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि यह अनर्गल और बेतुका आरोप है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के सर्टिफिकेट को सार्वजनिक कर उसकी जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी पूछा है कि निशिकांत दुबे सिर्फ 10 साल में कैसे मैट्रिक कर जाते हैं, यह भी बताना चाहिए।
JMM प्रवक्ता ने बताया कि हफीजुल अंसारी को जो पीएचडी की डिग्री मिली है, वह एक यूनिवर्सिटी के द्वारा दी गई है और उसे विधिपूर्वक दिया गया है।
इससे पहले अजय शाह ने अपने आरोप में कहा था कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर उस्मान को इस्लामाबाद पाकिस्तान की एक संस्था द्वारा प्रोफेसर की उपाधि प्रदान की गई थी, उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री हफीजुल अंसारी की उपाधि का पूरा नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।