झारखंड : स्वास्थ्य मंत्री पर विवादित बयान…अमर बाउरी ने इरफान अंसारी की भूमिका पर उठाए सवाल, जानें पूरा मामला

Controversial statement on Health Minister: Amar Bauri raised questions on the role of Irfan Ansari, know the whole matter

रांची रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार को हटाए जाने के बाद से झारखंड की सियासत गरमा गई है.विपक्ष लगातार हेमंत सरकार को इस मुद्दे पर घेरने का काम कर रही है. इसी कड़ी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार पर हमला बोला है.

दरअसल,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने शनिवार को बेरमो में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिम्स गरीबों का इलाज करने वाला प्रमुख संस्थान है, लेकिन दुर्भाग्यवश वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री की दखलअंदाजी और दबाव के कारण यह संस्था भी भ्रष्टाचार की आग में झोंकी जा रही है.

अमर बाउरी ने मंत्री के आदेश पर उठाया सवाल

बाउरी ने आरोप लगाया कि रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को बिना पूर्व सूचना, कारण और किसी जांच के पद से हटाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार ईमानदार अधिकारियों को संस्थागत भ्रष्टाचार के खिलाफ काम नहीं करने देना चाहती.

उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. राजकुमार के खिलाफ आज तक किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है और उनके पिछले 14 महीने के कार्यकाल को ईमानदारी व दक्षता का उदाहरण माना जाता रहा है.

उन्होंने बताया कि हेल्थमैप और मेडाल जैसी आउटसोर्स कंपनियों पर महालेखाकार (AG) की रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताओं की बात सामने आई है – फर्जी बिल, डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर और अन्य वित्तीय गड़बड़ियों का स्पष्ट उल्लेख है.

इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री इन कंपनियों के फर्जी बकायों के भुगतान का दबाव निदेशक पर बना रहे थे. इतना ही नहीं, कैबिनेट से स्वीकृत एमआरआई मशीन के टेंडर को निरस्त कर अपने पसंदीदा ठेकेदार को टेंडर देने के लिए भी दबाव डाला जा रहा था.

कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क

उन्होंने कहा कि संविधान को हाथ में लेकर चलने वाले यह कांग्रेस पार्टी के नेता अनुसूचित समाज से आने वाले रिम्स के डायरेक्टर के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि बाबा साहब के नाम पर राजनीति करने वाले कांग्रेसी नेता के कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर

ये हैं प्रमुख मांगे!

  • रिम्स निदेशक को पद से हटाने की प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच हो।
  • हेल्थमैप और मेडाल से संबंधित सभी वित्तीय लेनदेन की सीबीआई जांच करवाई जाए।
  • रिम्स की सेन्ट्रल लैब के निर्माण में हो रही देरी की भी स्वतंत्र जांच हो।
  • मुख्यमंत्री व राज्यपाल जनता के सामने इस पूरे मामले का विवरण साझा करें।

बाउरी ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि यदि रिम्स जैसे प्रमुख संस्थान को इस प्रकार राजनीतिक दबाव में चलाया गया, तो इसका खामियाजा सीधे गरीब मरीजों को उठाना पड़ेगा.

ये रहे मौजूद

बता दें कि इस संवाददाता सम्मेलन में गिरिडीह के पूर्व सांसद श्री रविंद्र कुमार पांडेय, बोकारो जिला अध्यक्ष जयदेव राय, भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री अर्जुन सिंह सहित कई वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे.

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