दिल्ली ब्लास्ट और बिहार चुनाव का कनेक्शन? सामना में उठाए गए सवाल, जानें क्या है पूरा मामला”
Is there a connection between the Delhi blasts and the Bihar elections? Questions raised in Saamana; find out what the whole matter is.

दिल्ली में हुए कार धमाके के बाद राजनीति गरमाने लगी है। बुधवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी ने केंद्र सरकार पर आतंकवाद का खात्मा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने में विफल रहने का आरोप लगाया। शिवसेना-यूबीटी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में दिल्ली कार ब्लास्ट की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए गए हैं। साथ ही, इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है।
संपादकीय में लिखा गया, “दिल्ली में सोमवार को हुए विस्फोट का इस्तेमाल मंगलवार को बिहार के मतदान के अंतिम चरण के लिए किया गया। हो-हल्ला मचाया गया कि देश पर आतंकवादी हमला हुआ है, लेकिन इसके लिए खुद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जिम्मेदार हैं। वे देश नहीं संभाल पा रहे हैं।”
शिवसेना-यूबीटी के मुखपत्र में पहलगाम और पुलवामा जैसे हमलों का उदाहरण देते हुए सरकार पर निशाना साधा गया। संपादकीय में लिखा, “आतंकवाद वैश्विक चिंता का विषय है। भारत में यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। हर आतंकवादी हमले का राजनीतिकरण करना, हर हमले का प्रचार में इस्तेमाल करना और हिंदुओं व मुसलमानों के बीच दरार पैदा कर राजनीतिक रोटियां सेंकने का उद्योग पिछले दस सालों से चल रहा है। अगर देश की राजधानी सुरक्षित नहीं है, तो इस देश में क्या सुरक्षित है?”
पार्टी ने सवाल करते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने घोषणा की कि ‘भारत पर भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकी हमले को युद्ध कार्रवाई माना जाएगा।’ अगर यह सच है तो क्या मोदी सरकार सोमवार को दिल्ली के लाल किले पर हुए धमाके के बाद इसे भारत के खिलाफ युद्ध मानेगी?”
संपादकीय में कहा गया है, “खुद को सरदार पटेल के रूप में देखने वाले अमित शाह अब तक के सबसे कमजोर और सबसे बेकार गृह मंत्री हैं। दिल्ली धमाके ने देश के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार आतंकवाद का सफाया करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने में विफल रही है। अगर वह इस्तीफा दे देते हैं तो यह 140 करोड़ लोगों पर उपकार होगा, वरना दिल्ली, मुंबई और बंगलुरु जैसे शहर खून से लथपथ नजर आएंगे।









