रायपुर। छत्तीसगढ़ में IAS-IPS के ग्रह नक्षत्र सही नहीं चल रहे हैं। पहले एक IPS को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गयी और फिर शनिवार को एक महिला IAS की गिरफ्तारी कर ली गयी। महिला IAS रानू साहू को ED ने गिरफ्तार किया है। कोल स्कैम में IAS रानू साहू को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तीन दिन की ED रिमांड पर भेजा गया है। वहीं ADG रैंक के अफसर जीपी सिंह को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृति दे दी है। आय से अधिक संपत्ति मामले में पिछले करीब दो साल से IPS जीपी सिंह निलंबित चल रहे थे।

अब IPS जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गयी है। 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह पहले एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) थे। और उन्होंने रायपुर के महानिरीक्षक (आईजी) के रूप में भी कार्य किया था। पिछले कई दिनों से उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही थी। राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई का प्रस्ताव भी भेजा गया था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने उनके रिटायरमेंट को मंजूरी दे दी है।

5 जुलाई को निलंबित होने से पहले वह पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के प्रमुख के रूप में तैनात थे।इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में निलंबित IPS जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी थी, जो कोर्ट में विचाराधीन है. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।

इससे पहले उच्च न्यायालय और बाद में उच्चतम न्यायालय में उनके खिलाफ जांच और गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की उसकी अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह गुड़गांव से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में जीपी सिंह के सहयोगियों समेत उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था, जिसमें 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था।

जी.पी. सिंह, छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. बता दें कि GP सिंह को पिछले साल छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ईओडब्ल्यू/एसीबी) ने गिरफ्तार किया था. ईओडब्ल्यू ने 1 जुलाई, 2021 को सिंह के ठिकानों की तलाशी ली थी और उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला (Prevention of Corruption Act) दर्ज किया था. कुछ दिनों बाद रायपुर पुलिस ने सिंह पर राजद्रोह, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और जबरन वसूली के आरोप में मामला दर्ज किया था।

बता दें कि बर्खास्त करने के सरकार के फैसले से पहले सिंह लंबे समय तक निलंबित थे. मिली जानकारी के अनुदार, दंगे भड़काने की साजिश में कथित संलिप्तता के कारण केंद्र सरकार ने उन्हें कंपलसरी रियाटरमेंट दे दिया था. एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जुलाई 2021 में कई ऑपरेशन चलाए, इस दौरान 5 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे. राज्य सरकार ने जीपी सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सुझाव दिया था. साथ ही जीपी सिंह और चार अन्य आईपीएस अधिकारियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, केंद्र सरकार ने जीपी सिंह के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सिफारिश करने से पहले राज्य के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

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