रांची: हेमंत सरकार ने आज कार्यकाल के 3 साल पूरे कर लिये। अपने कार्यकाल की उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि इन 3 सालों में कई आपदाएं और कई चुनौतियों को सरकार ने देखा। हमारी सरकार ने लगभग सभी आपदाओं को पूरी मुस्तैदी के साथ अवसर में बदलने का काम किया। झारखंड में सरकार के 3 साल पूरे होने पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों की भावनाओं के अनुरूप किसान, गरीब, महिला, मजदूर, नौजवान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय और योजनाएं लाई और उसको लागू किया।
झारखंड हाई कोर्ट में नियोजन नीति रद्द होने के बाद नियुक्ति और नियोजन के रास्ते बंद हुए हैं? इस सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा, कोर्ट ने नियोजन नीति को निरस्त किया है। उसका कानूनी आकलन करेंगे। नौजवानों का भविष्य खराब ना हो, उनकी भी हमें चिंता है. आरक्षित लोग, बिना स्थानीयता नीति या नियोजन नीति के भी सुरक्षित हैं. नियोजन और नियुक्तियों में बाहरी लोग कम-से-कम आएं, इस पर विचार करेंगे।
उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल में आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के कल्याण के लिए कई काम किए हैं. उन्होंने 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति को भी अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक कहा…
हेमंत सोरेन ने आदिवासी, पिछड़े और दलितों का आरक्षण बढ़ाने और 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति संबंधी विधेयकों को लेकर विपक्ष के सवालों पर कहा, हेमंत सोरेन पर बाहरी-भीतरी और आदिवासियों की राजनीति करने का आरोप लगता है, लेकिन हमारी राज्य के हर वर्ग के अधिकार और हक को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत प्रहरी लगाने की मंशा है।क्या ये आदिवासी राजनीति का नमूना है।