रांची रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार फिलहाल स्वास्थ्य विभाग में चर्चा के केंद्र बने हुए हैं।साथ ही आए दिन उनकी परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। बड़ी संख्या में डॉक्टर और ट्रांसफर के स्टाफ के ट्रांसफर के मामले में उनकी चर्चा मंत्रालय तक पहुंच गई थी। ट्रांसफर को लेकर विवाद में घिरने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का पेंशन प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराने के मामले में रानचिवक सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिसमें सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी ने सिविल सर्जन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें मुंडन की सजा सुनाई हैं।

उल्लेखनीय है की स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीनस्थ रिटायर होने वाले मेडिकल ऑफिसरों की पेंशन या उपादान की स्वीकृति हेतु पेंशन प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराने के मामले में आरोपपत्र गठित करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके आलोक में सिविल सर्जन द्वारा स्पष्टीकरण दिया, लेकिन विभाग ने उसे संतोषप्रद नहीं पाया। वही स्पष्टीकरण की समीक्षा करते हुए उन पर कार्रवाई की गई।

डॉक्टर स्टाफ के ट्रांसफर के मामले में हुआ था विवाद

7 जुलाई 2022 को रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार की अध्यक्षता में बनी 5 सदस्यीय स्थापना समिति ने बड़ी संख्या में रांची के डॉक्टरों और स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया था। ट्रांसफर संबंधी आदेश भी निर्गत हो चुका था। लिस्ट जारी होने के बाद ये विवादों में घिर गया था।इसके बाद सिविल सर्जन ने अपने ही हस्ताक्षर से जारी ट्रांसफर के आदेश को वापस ले लिया था।

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