झारखंड में रोजगार घोटाले का भंडाफोड़…CID ने रांची में की बड़ी कार्रवाई, युवाओं को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश
Employment scam exposed in Jharkhand... CID took major action in Ranchi, exposed the gang that duped the youth

राजधानी रांची में शनिवार को सीआईडी ने दबिश दी है. मिली जानकारी के मुताबिक सीआईडी के नेतृत्व में नामकुम के दो इलाकों में यह छापा पड़ा है. बताया जा रहा है कि रोजगार के नाम पर नौजवानों से ठगी किया जा रहा था. लेकिन समय रहते सीआईडी ने इसका पर्दाफाश कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साईआईडी की टीम ने केतारी बगान घाट रोड़ स्थित पुष्पांजलि प्लैस के उपर एवं लोअर चुटिया लोटा फैक्ट्री के समीप आर्यावर्त एसोसिएट के कार्यालय में छापा मारा है.
इतने लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
इस छापामारी के दौरान पुलिस ने पुष्पांजलि प्लैस में ट्रेनिंग ले रहे 15 युवक-युवतियों और लोअर चुटिया से एक कंप्यूटर ऑपरेटर व एक अन्य युवक को हिरासत में लिया है. सभी को नामकुम थाना में रखकर पूछताछ की जा रही है. वहीं, टीम ने लोअर चुटिया से लैपटॉप, प्रिंटर, रबर स्टाम्प, बिल, आयुर्वेदिक सामान सहित कई सामान जब्त किये हैं.
इस छापामारी टीम में एएसपी दीपक कुमार, डीएसपी मुख्यालय प्रथम अमर कुमार पांडेय, सीआईडी थाना प्रभारी नवल किशोर के साथ नामकुम व चुटिया थाना की पुलिस मौजूद रही.
“रोजगार का झांसा लेकर ठगी की कोशिश”
वहीं इस पूरे मामले को लेकर कोई भी अधिकारियों कुछ भी कहने से बच रहे हैं. केवल इतना कहा कि जांच की जा रही है. रोजगार देने के नाम पर पैसे लिए जाते थे. बताया गया कि संस्थान के द्वारा विज्ञापन निकाल कर स्किल प्रोग्राम के तहत युवाओं को रोजगार देने का झांसा दिया जाता है. विज्ञापन देखकर आने वाले युवक-युवतियों को बड़े-बड़े सपने दिखाये जाते हैं. सभी को ट्रेनिंग लेने के बाद पैसे देने की बात कही जाती है.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
मिली जानकारी के अनुसार, ट्रेनिंग पूरी होने पर उनसे आयुर्वेदिक सामानों की मार्केटिंग कराई जाती थी. मार्केटिंग करने में असफल लोगों को हटा दिया जाता था. ट्रेनिंग कर चुके एक छात्र को नौकरी नहीं मिलने पर उसने ही सीआईडी को शिकायत की थी जिसके आधार पर छापामारी की गई. यहां सैकड़ों लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश के एक युवक ने बताया कि रोजगार का आकर्षक विज्ञापन देकर उन्हें झांसा में लिया जाता है.
देश के विभिन्न राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों बेरोजगार लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं. ट्रेनिंग के नाम पर सभी युवक-युवती से 25 से 30 हजार लिया जाता है. इनके रहने और खाने की व्यवस्था संस्थान करती थी. ट्रेनिंग के बाद सभी को मार्केटिंग के लिए भेज दिया जाता है. इस तरह सभी को ठगा जा रहा है.