चतरा...मात्र 4 चिकित्सक के भरोसे रहेगी पूरे शहर की स्वास्थ्य ब्यबस्था,काम कराओ और बाहर का रास्ता दिखाओ की नीति पर चल रही है स्वास्थ्य विभाग..

चतरा: पड़ोसी राज्य बिहार की सीमा से लगे झारखंड के 50 हज़ार की आबादी वाला सुदूरवर्ती जिला है चतरा। आज भी ये जिला अपने विकास का रोना रोता है। सरकार हर बार ऐसे जिलों के विकास की बात तो करती है पर ये महज एक घोषणा बन कर रह जाती है।

आज भी यहाँ की जनता मूलभूत सुविधा स्वास्थ्य,शिक्षा से वंचित है।ऐसे में अब और भी परेशानी से यहाँ की जनता को जूझना ओढ़ सकता है।

एक नया मामला आया है यहाँ की सदर अस्पताल का।जहां पर स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सक की हटाये जाने का है।कोविड काल मे स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सक की नियुक्ति की गई थी,
आउटसोर्सिंग से बहाल 33 कर्मियों को गुरुवार को हटा दिया गया। इसके अलावे 12 जुलाई को DMFT से बहाल 3 चिकित्सा पदाधिकारी, 7 स्टाफ नर्स, 3 तकनीशियन भी हटा दिए जाएंगे।

कर्मियों की हटाने से सम्बंधित आदेश सिविल सर्जन कार्यालय से निर्गत हो चुका है।कुछ दिन पूर्व तक 6 ओपीडी चलने वाला सदर अस्पताल अब मात्र 1 ओपीडी पर सिमट गया।कर्मियों को हटाने से इसका असर अब साफ साफ दिखने लगा है।आने वाले दिनों में इसका प्रतिकूल प्रभाव शहर वासी पर पड़ेगा।इस सम्बंध में जरूरी कदम उठाने की मांग की गई है।

क्या कहते है स्वास्थ्यकर्मी..

स्वास्थ्यकर्मी का कहना है कि सरकार खुद नही चाहती कि व्यबस्था अच्छे से चले इसलिए कोविड काल में नियुक्ति कर अब हमलोगों को हटा दिया गया।सरकार बेरोजगारी का फायदा उठा रही है।

सिर्फ 4 डॉक्टर के भरोसे रहेगा सदर अस्पताल

13 जुलाई से सिर्फ 4 डॉक्टर के भरोसे रहेगा,जबकि यहां 32 पड़ स्वीकृत है।अस्पताल में इतने कम डॉक्टर से सारे व्यबस्था को चला पाना संभव नही इससे लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

HPBL Desk
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