Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि में इन मंत्रो का जरूर करें जाप, दूर होगी गरीबी, हर कष्ट का होगा निवारण
Chaitra Navratri 2025: Chant these mantras during Navratri, poverty will be removed, every pain will be relieved

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है और इस बार 31 मार्च से नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। नवरात्रि में पूजा अर्चना और मूर्ति स्थापना को लेकर जोरो शोरो से तैयारी चल रही है। नवरात्रि में पूजा करने से हर मन्नत पूरी होती है और घर में सुख समृद्धि आती है। नवरात्रि में इन चमत्कारी मंत्रो का जाप करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। घर में अगर नकारात्मकता है तो इन मेट्रो का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और आपके घर में खुशी आएगी। 9 दिनों तक माता रानी की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है और इससे जीवन में खुशी आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता की पूजा करने माता हर समस्या को दूर करती है।
मां दुर्गा के मंत्र (Chaitra Navratri 2025)
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
2. हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् .
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव .
3. शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे .
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते .
4. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते.
5. ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
6. पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता.
प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता.
पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत .
प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत.
7. “दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि.
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता.”
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि.
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते .