बच्चा पैदा करो और सरकार से लो ₹1.26 लाख! सरकार की नई स्कीम जानकर चौंक जाएंगे आप….

अजब गजब:   बढ़ती जनसंख्या एक तरफ जहां परेशानी का कारण बनती वही कम होती जनसंख्या भी परेशानी का सबब बन जाती है।जिसके लिए सरकार को अपने नीतियों में बदलाव करना पड़ता है जो सुर्खियां बन जाती है।

दुनिया की सबसे बड़ी आबादी रखने वाले देश का तमगा अब चीन के पास नहीं रहा, और यही चिंता अब वहां की सरकार के माथे पर शिकन बन गई है। जनसंख्या में लगातार गिरावट के चलते चीन सरकार अब ‘बच्चा पैदा करो – इनाम पाओ’ जैसी नीतियों का सहारा ले रही है।

हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से जन्म लेने वाले हर बच्चे पर चीनी सरकार ₹1.26 लाख तक की आर्थिक सहायता दे सकती है।

 नई योजना में क्या मिलेगा?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार:

  • हर बच्चे के जन्म पर मां को हर साल 3,600 युआन (लगभग ₹42,000) दिए जाएंगे

  • यह राशि तीन साल तक दी जाएगी

  • कुल मिलाकर सहायता होगी ₹1.26 लाख

हालांकि, अभी तक इस योजना की सरकारी स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी, यह स्कीम चीन के गंभीर जनसंख्या संकट को देखते हुए पूरी तरह संभव मानी जा रही है।

स्थानीय स्तर पर मिल रहे और भी ज्यादा पैसे!

  • इनर मंगोलिया के होहोट शहर में दूसरा बच्चा होने पर ₹5.8 लाख (50,000 युआन) और तीसरे बच्चे पर ₹11.6 लाख (100,000 युआन) देने की पेशकश की गई है।

यह संकेत है कि सिर्फ केंद्रीय सरकार ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन भी अपनी-अपनी तरफ से परिवारों को संतानोत्पत्ति के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

 गिरती जनसंख्या से घबराया चीन

  • 2024 में चीन की आबादी घटकर 1.408 बिलियन रह गई है

  • 2022 में 60 साल बाद पहली बार जनसंख्या में गिरावट दर्ज हुई थी

  • इसके बावजूद ‘थ्री-चाइल्ड पॉलिसी’ का असर ना के बराबर रहा है

बड़ी संख्या में परिवार अब भी बढ़ते खर्चों और महंगाई के कारण अधिक बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं।

 सर्वे ने खोली सरकार की आंखें

एक हालिया सर्वे में:

  • 1.44 लाख माता-पिता से राय ली गई

  • सिर्फ 15% लोग ही ज़्यादा बच्चों के लिए इच्छुक दिखे

  • जब 1,000 युआन की आर्थिक मदद ऑफर की गई, तब भी यह आंकड़ा सिर्फ 8.5% बढ़ा

विशेषज्ञों का मानना है कि समस्या केवल पैसे से नहीं सुलझेगी — इसके लिए मानसिकता, वर्क-लाइफ बैलेंस और सामाजिक ढांचे में बड़ा सुधार जरूरी है।

 दुनिया के अन्य देश भी इसी संकट में

  • दक्षिण कोरिया: बच्चों वाले परिवारों को सब्सिडी बढ़ाकर 1 मिलियन KRW की गई, जिससे 3.1% बढ़ोतरी दर्ज हुई

  • जापान: 2005 से अब तक हजारों डे-केयर सेंटर शुरू किए गए ताकि प्रजनन दर सुधरे

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