झारखंड : भाजपा नेताओं के खिलाफ केस दर्ज: जमशेदपुर के साकची थाना में प्रदर्शन मामला पहुंचा पुलिस तक

Jamshedpur (Jharkhand) : जनसुविधा मंच के बैनर तले भाजपा नेताओं द्वारा साकची थाना पर किए गए विरोध प्रदर्शन का मामला अब कानूनी पेंच में उलझ गया है।थाना प्रभारी आनंद कुमार मिश्रा के बयान पर पुलिस ने 22 भाजपा नेताओं को नामजद करते हुए केस दर्ज कर लिया है, वहीं 50 से 60 अन्य अज्ञात प्रदर्शनकारियों को भी आरोपी बनाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना की शुरुआत तब हुई जब भाजपा कार्यकर्ता और नेता जनसुविधा मंच के तहत साकची थाना के बाहर इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया। इस दौरान बिना प्रशासनिक अनुमति के लाउडस्पीकर का प्रयोग, नाजायज मजमा बनाना, घातक हथियारों से लैस होकर जुटना, धक्का-मुक्की, गाली-गलौज, और सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
इनके खिलाफ पर दर्ज हुआ केस
थाना प्रभारी के बयान पर जिन 22 भाजपा नेताओं पर नामजद एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें अमित अग्रवाल (साकची), राकेश सिंह (टेल्को), सौरभ श्रीवास्तव (बर्मामाइंस ईस्ट प्लांट), दीपल विश्वास (कदमा शास्त्री नगर), शशांक शेखर (सोनारी), कंचन दत्ता (बारीडीह), सौरभ कुमार, सौरभ कर्मकार, मोंटी अग्रवाल (साकची), सुमित श्रीवास्तव (बारीडीह), राहुल कुमार हिंदू (उलीडीह), कौष्टव राय (सिदगोड़ा), सुशील पांडेय (मानगो), अमित सिंह परमार (टेल्को), गुड्डू सिंह, बंटी सिंह (सिदगोड़ा), नवजोत सिंह सोहैल (गोलमुरी टिनप्लेट चौक), अभिषेक श्रीवास्त व रितेश झा (बर्मामाइंस रुई पहाड़ी), दिलीप पासवान (सीतारामडेरा), प्रकाश दुबे (सहारा सिटी, आरआईटी, सरायकेला-खरसावां) शामिल हैं। इनके अलावा 50-60 अज्ञात प्रदर्शनकारियों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
कौन-कौन से आरोप?
आरोपों में शामिल हैं:भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 186, 188, 294, 353 और 506 विधि विरुद्ध जमावड़ा, घातक हथियारों के साथ प्रदर्शन, गाली-गलौज और धमकी, सरकारी कार्य में बाधा शामिल है। पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की है, जिससे आगे गिरफ्तारी की भी संभावना है।
क्या था प्रदर्शन का उद्देश्य?
हालांकि अभी तक प्रदर्शन के मूल उद्देश्य पर आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार भाजपा कार्यकर्ता थाने में जनसमस्याओं और कथित पुलिस निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
राजनीतिक हलकों में हलचलइस
कार्रवाई के बाद जिले की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा नेताओं ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है, जबकि पुलिस इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की कार्रवाई मान रही है।