रांची। झारखंड में राजनीतिक सस्पेंस कब और कहां जाकर खत्म होगा, ये एक बड़ा सवाल बन गया है। कैबिनेट में 1932 के खतियान को हरी झंडी के बाद झारखंड की सियासत गरम है। इनसब के बीच गुरुवार दोपहर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और फिर शाम को दिल्ली चले गये।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें तेज हो गयीं हैं।

रांची से दिल्ली रवाना हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करने वाले हैं. इधर मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे को देखते हुए शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में कानून व्यवस्था को लेकर होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है. मंत्रिमंडल में फेरबदल जल्द हो सकता है.

संभव है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करें. कुछ मंत्री इस्तीफा भी दे सकते हैं. दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन में करीब 40 मिनट तक समय बिताया. राज्यपाल से हुए मुलाकात में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रामेश बैस को एक पत्र सौंपा. 

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से सदस्यता मामले में निर्वाचन आयोग की अनुशंसा की प्रति देने तथा उस पर निर्णय लेने की मांग की है। साथ ही इस मामले में सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने की भी मांग की है। यह भी बताया है कि उन्होंने पांच सितंबर को झारखंड विधानसभा में बहुमत प्राप्त किया है। कहा, सदस्यता मामले में भ्रम की स्थिति तथा मीडिया में सामने आ रही बातों का भाजपा द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। दलबदल को बढ़ावा तथा अनैतिक ढंग से सत्ता प्राप्त करने का प्रयास भाजपा द्वारा किया जा रहा है। हेमंत ने कहा कि भाजपा कभी अपने अनैतिक प्रयास में सफल नहीं होगी क्योंकि सरकार के पास दो तिहाई बहुमत है। राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख होने के नाते संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा करें।

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