259 मकानों पर चला बुलडोजर, आंखों के सामने ध्वस्त हुए आशियाने…एक्शन से मचा हड़कंप…

फरीदाबाद।फरीदाबाद के सूरजकुंड क्षेत्र के खोरी गांव में नगर निगम ने अवैध रूप से बने करीब 259 कच्चे और पक्के मकानों को तोड़ दिया। यह कार्रवाई अवैध निर्माणों के खिलाफ की गई, और इसमें नगर निगम की टीम के साथ पुलिस बल भी शामिल था। ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यकारी अभियंता नितिन कादियान मौके पर मौजूद थे।
259 मकानों पर चला बुलडोजर: करीब तीन साल पहले भी नगर निगम ने यहां बड़े स्तर पर तोड़फोड़ की थी, लेकिन इसके बाद पुनः अवैध निर्माण शुरू हो गए थे। इसके बारे में नगर निगम को शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद मंगलवार को नगर निगम ने पुनः कार्रवाई शुरू की। तोड़फोड़ में दो अर्थमूवरों का इस्तेमाल किया गया और पुलिस बल का नेतृत्व सूरजकुंड थाना प्रभारी प्रहलाद सिंह ने किया।यह कार्रवाई नगर निगम द्वारा अवैध निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई के तहत की गई है, ताकि अनधिकृत निर्माणों पर अंकुश लगाया जा सके।
259 मकानों पर चला बुलडोजर: बल्लभगढ़ में नगर निगम ने मार्केट कमेटी को नोटिस दिया है कि सब्जी मंडी और अनाज मंडी से निकलने वाले कचरा का अपने स्तर पर प्रबंधन करे। शहर से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए नगर निगम के पास अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं है।
अभी तक नगर निगम का कचरा मुजेड़ी प्लांट या फिर प्रतापगढ़ में डाला जा रहा है। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। अब नगर निगम ने उन सरकारी विभागों को नोटिस दिया है, जिनका कचरा 100 किलोग्राम तक निकलता है, वह सभी विभाग अपने कचरे का स्वयं निस्तारण करें। इनमें बल्लभगढ़ की सब्जी मंडी और अनाज मंडी भी शामिल है।
नगर निगम ने मार्केट कमेटी से कहा है कि वह अपने कचरा का स्वयं निस्तारण करें। इस कचरे का आर्गेनिक खाद बनाए या फिर गैस बनाएं, ताकि शहर में कचरे के ऊंचे पहाड़ न बने। यदि नोटिस के बाद भी मंडियों का कचरा खुले में डाला गया तो निगम कार्रवाई करेगा।
259 मकानों पर चला बुलडोजर: नगर निगम को सीवर का पानी निकालने के लिए मार्केट कमेटी ने अपना डिस्पोजल पंप दिया हुआ है। वह निगम को हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स भी देते हैं। यदि वह अपने कचरा का खुद निस्तारण करेंगे तो फिर वह निगम को कर क्यों दें। मंडियों का कचरा नियमित मुजेड़ी पहुंचा रहे हैं। मंडियों के आसपास जो कचरा पड़ा हुआ है वह उनका नहीं है बल्कि रिहायशी कॉलोनियों के लोगों द्वारा डाला गया है। निगम अपने कर्मचारियों को नियुक्ति करें और यह देखें कि कचरा कौन डाल रहा है। वह अपनी मंडियों के कचरा निस्तारण के बारे में विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर उनसे गाइडलाइन लेंगे, ताकि इस नोटिस को लेकर निगम को जवाब दिया जा सके।pm aavaas yojana: दिल्ली में किन लोगों को मिलेगा लाभ? जानें कहां करना होगा आवेदन..