Budget 2025: ‘ये बजट गोली के घावों पर पट्टी लगाने जैसा…’, राहुल गांधी ने किस मामले में मोदी सरकार को बता दिया दिवालिया

निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. जहां मोदी सरकार इस बजट को हर भारतीय के सपने को पूरा करने वाला बजट बता रहे हैं. वहीं राहुल गांधी ने बजट को गोली के घावों पर पट्टी लगाने जैसा बताया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को 2025 के केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए इसे “गोली के घावों पर पट्टी” करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव समाधानों की कमी का आरोप लगाया.
गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, गोली के घावों पर पट्टी! वैश्विक अनिश्चितता के बीच हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए प्रतिमान बदलाव की आवश्यकता है. लेकिन यह सरकार विचारों के मामले में दिवालिया हो चुकी है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी की आलोचना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी सरकार द्वारा जनता को गुमराह करने का प्रयास है, जबकि यह प्रमुख आर्थिक चिंताओं को दूर करने में विफल रही है. उन्होंने सरकार पर पिछले एक दशक में आयकर के रूप में 54.18 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने के बाद मध्यम वर्ग को मामूली कर राहत देने का आरोप लगाया.
मोदी सरकार झूठी प्रशंसा पाने में व्यस्त
खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री खुद दावा करती हैं कि 12 लाख रुपये तक की छूट से प्रति वर्ष 80,000 रुपये की बचत होगी, जो कि प्रति माह सिर्फ 6,666 रुपये है. इस बीच, पूरा देश महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है, लेकिन मोदी सरकार झूठी प्रशंसा पाने में व्यस्त है. उन्होंने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों और हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए हैं.
खड़गे ने निजी निवेश को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन या घटती खपत से निपटने के लिए सुधारों की अनुपस्थिति की ओर भी इशारा किया. उन्होंने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसी पहलों को महज़ घोषणाएं बताकर खारिज कर दिया, जिनका कोई खास असर नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट मोदी सरकार द्वारा लोगों को मूर्ख बनाने का एक और प्रयास है.
आयकर में छुट
निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवां बजट पेश करते हुए कृषि और मध्यम वर्ग सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की. इनमें से एक मुख्य बात आयकर छूट का विस्तार था, जिसके तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान करने से छूट दी गई. पहले, छूट की सीमा 7 लाख रुपये थी.