ब्रेकिंग झामुमो को झटका : महागठबंधन में पड़ी फूट, बिहार में झामुमो छह सीटों पर अकेले लड़ेगी चुनाव, जानिये किन-किन सीटों पर उतरेंगे प्रत्याशी
Breaking: JMM suffers a setback: Grand Alliance splits; JMM to contest six seats in Bihar alone. Find out which seats will be contested by its candidates.

JMM News : झामुमो से जुड़ी एक बड़ी खबर है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दल) में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं, महागठबंधन के अन्य घटक दल भी कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं, जिससे विपक्षी एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
झारखंड की सत्ताधारी पार्टी और इंडिया ब्लॉक की सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गठबंधन से अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता में कहा कि JMM बिहार में छह सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। इनमें चकाई, धमदाहा, कटोरिया, पिरपैंती, मनीहारी और जमुई सीटें शामिल हैं।सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा —“हम महागठबंधन के साथ नहीं, बल्कि अपनी ताकत पर चुनाव लड़ेंगे। झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में JMM की अपनी विचारधारा और जनाधार है, जिसे हम और मजबूत करना चाहते हैं।”
महागठबंधन में कलह, सात सीटों पर टकराव:
JMM के अलग होने से पहले ही महागठबंधन के भीतर खींचतान और असंतोष की स्थिति थी। अब तक की जानकारी के अनुसार, सात विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के घटक दल राजद, कांग्रेस और वामदलों के प्रत्याशी आमने-सामने आ गए हैं।इनमें लालगंज, वैशाली, राजापाकर, बछवाड़ा, रोसरा और बिहारशरीफ जैसी सीटें प्रमुख हैं। इन सीटों पर एक ही गठबंधन के दो या अधिक उम्मीदवारों के नामांकन ने विपक्षी एकता की पोल खोल दी है।
सिकंदरा सीट पर भी घमासान:
महागठबंधन के भीतर सबसे बड़ा विवाद सिकंदरा विधानसभा सीट को लेकर सामने आया है। यह सीट पहले कांग्रेस नेता विनोद चौधरी को आवंटित की गई थी, लेकिन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने राजद के सिंबल पर इस सीट से नामांकन कर दिया। इससे महागठबंधन के दोनों दल आमने-सामने आ गए हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटनाक्रम न केवल महागठबंधन की समन्वय विफलता को दर्शाता है, बल्कि आंतरिक शक्ति संघर्ष को भी उजागर करता है।
JMM का अलग होना, INDIA ब्लॉक के लिए झटका:
राष्ट्रीय स्तर पर INDIA ब्लॉक में शामिल JMM का बिहार चुनाव से पहले अलग होना विपक्षी एकजुटता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि JMM इस फैसले के जरिए बिहार-झारखंड सीमा क्षेत्र में अपने संगठनात्मक प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही है।JMM को उम्मीद है कि संथाल परगना से सटे इन इलाकों में आदिवासी मतदाताओं और झारखंड मूल के श्रमिकों पर उसकी पकड़ मजबूत होगी।
गठबंधन में तनाव, लेकिन सुलह के प्रयास जारी:
राजद और कांग्रेस दोनों दलों ने स्थिति को संभालने के लिए आंतरिक बैठकें शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने और सीटों पर आपसी सहमति बनाने के प्रयास कर रहा है।हालांकि, नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक होने से हालात संभालना मुश्किल होता जा रहा है।