रांची। Secretary posting by Health minister : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश की 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि उनके जारी पत्र पर उंगली उठ गई है। यह उंगली किसी और ने नहीं, बल्कि विधायक सरयू राय ने उठाए हैं। विधायक सरयू राय ने सोशल मीडिया एक्स पर बन्ना गुप्ता द्वारा जारी पत्र को टैग करते हुए कहा है कि ये अधिकार सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री को और 30 दिन के लिए तदर्थ अधिकार सिर्फ मुख्य सचिव को है। इसलिए ये इसे तुरंत रद्द किया जाय।

क्या है मामला

मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह 31 दिसंबर 2023 को सेवानिवृत हो चुके हैं।जिसके बाद से यह पद रिक्त था। 16 जनवरी 2024 को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पत्र जारी कर विभाग के NHM अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी को अगले आदेश तक प्रधान सचिव बने रहने का आदेश दिया था। जिसके बाद ये पत्र वायरल हो गई।

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा जारी पत्र

क्या कहना है सरयू राय का

सोशल मीडिया X पर सरयू राय ने कहा है स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता ने जिस अधिसूचना का हवाला देते हुए पत्र जारी किया है उसे तुरंत रद्द किया जाए, क्योंकि प्रधान सचिव के पद पर नियुक्ति करने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री को है। साथ ही तदर्थ नियुक्ति के तहत 30 दिन के लिए मुख्य सचिव को यह अधिकार मिली हुई है इसीलिए स्वास्थ्य मंत्री का ये आदेश गलत है।

क्या कहता है नियम

मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के पास विकास आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार था। सेवानिवृत्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और विकास आयुक्त का भी पद रिक्त हो गया था। इसके बाद कार्मिक विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर गृह सचिव अविनाश कुमार को विकास आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।

परंतु स्वास्थ्य विभाग का पद रिक्त था। सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से विकास आयुक्त के पद पर कार्मिक विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर अतिरिक्त प्रभार दी गई थी उसी तरह से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के पद के लिए भी कार्मिक विभाग द्वारा ही अधिसूचना जारी की जानी चाहिए।

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