Domestic Airfare : 1 सितंबर ,2022 से एयरलाइंस अब खुद घरेलू हवाई यात्रा के लिए किराया तय करेंगी। सरकार ने 27 महीने बाद एयरलाइंस को हवाई किराया तय करने का अधिकार सौंप दिया है। हालांकि नियमों के मुताबिक एयरलाइंस को अपने वेबसाइट पर किराया और सभी क्लास का फेयर घोषित करना जरूरी कर दिया गया है।माना जा रहा है कि जहां कुछ रूट्स पर एयरफेयर वॉर की शुरुआत हो सकती है, वहीं जिन रूट्स पर जिस भी एयरलाइंस का मोनोपॉली है उन रूट्स पर हवाई किराए में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

सरकार के इस फैसले के दो पहलू हैं। पहला यह माना जा रहा है कि एयरलाइंस अब हवाई किराया तय करेंगी ऐसे में एयर फेयर महंगा हो सकता है। क्योंकि 2 साल पहले जब सरकार ने एयर फेयर को रेगुलेट करने का फैसला लिया था तब से लेकर अब तक हवाई ईंधन की कीमतें दोगुनी हो चुकी है। किसी भी एयरलाइंस को कमाई का 60 फीसदी खर्च हवाई ईंधन पर करना पड़ता है। ऐसे में एयरलाइंस महंगे एटीएम का भार यात्रियों पर डाल सकती है।

माना जा रहा है कि जिन रूट्स पर आकाश एयर ने उड़ान भरना शुरू किया है, उन रूट्स पर प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। ऐसे में एयरलाइंस यात्रियों को लुभाने के लिए सस्ते हवाई सफर का ऑफर दे सकते हैं। लेकिन जिस भी रूट्स पर जिस भी एयरलाइंस की मोनोपॉली है , उन रूट्स पर हवाई किरायों में बढ़ोतरी हो सकती है।

कोएना महामारी के दौरान लॉकडाउन के बाद, जब फ्लाइट सर्विसेज की शुरुआत हुई तो सरकार ने हवाई किरायाओं को रेगुलेट करने का निर्णय लिया। घरेलू उड़ानों के लिए किराए की ऊपरी और निचली सीमा सरकार ने तय करनी शुरू कर दी थी। लेकिन अब सरकार ने फैसला कर लिया है कि वह एयरफेयर की लिमिट तय नहीं करेगी । बल्कि 31 अगस्त, 2022 से एयरलाइंस खुद हवाई किराया तय करेंगी।

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